इसे पश्चाताप नहीं मानेंगे; राहुल गांधी की सेवा पर भी नहीं पिघला SGPC, दादी और पिता की दिलाई याद
राहुल गांधी के स्वर्ण मंदिर जाकर मत्था टेकने और सेवा करने पर भी एसजीपीसी नहीं पिघला है और 1984 की याद दिलाकर हमला बोला है। एसीजीपीसी ने कहा कि राहुल ने अपनी दादी और पिता के बारे में कभी कुछ नहीं कहा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाने को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। पवित्र गुरुद्वारे में राहुल गांधी के लंगर खाने और सेवा करने का कई सिख स्कॉलर्स ने स्वागत किया है। लेकिन शीर्ष संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनकी विजिट का विरोध किया है। एसजीपीसी के जनरल सेक्रेटरी हरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा, 'राहुल गांधी की दादी ने अकाल तख्त पर हमला कराया था। उनके पिता ने दिल्ली में सिखों पर हुए अत्याचारों को यह कहते हुए सही ठहराया था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। किसी की भी तरफ से सिखों के जख्म सहलाने की कोशिश नहीं की गई। क्या हम उनकी विजिट को पश्चाताप मान सकते हैं?'
उन्होंने पूछा, 'क्या राहुल गांधी उन कांग्रेस नेताओं पर कुछ कहेंगे, जो सिखों पर हुए हमलों में शामिल थे। वे अब भी कांग्रेस की बैठकों में शामिल होते हैं। अपने पिता के हत्यारे से मिलने के लिए प्रियंका गांधी जेल तक गई थीं। लेकिन वह कभी दिल्ली में जाकर विधवा कॉलोनी में रहने वाली महिलाओं से नहीं मिलीं। ऐसा क्यों?' इस तरह एसजीपीसी ने राहुल गांधी की विजिट पर राजनीतिक हमला बोला, लेकिन सिख समुदाय के कई स्कॉलर्स ने इसे गलत ठहराया। लेख अजमेर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारे वैचारिक मतभेद रहे हैं। लेकिन यह सनक नहीं होनी चाहिए। यह मानवीय मसला है। शायद राहुल गांधी को उस बात पर अफसोस हो, जो किसी दौर में हुआ था।
अजमेर सिंह ने कहा कि एसजीपीसी को राहुल गांधी पर इस तरह अटैक नहीं करना चाहिए। यदि वह पॉलिटिकल विजिट पर आते तो बात अलग थी। वह तो एक श्रद्धालु के तौर पर आए थे और गुरु के दर पर सभी का स्वागत है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने तो भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी बुलाया था। जबकि उन्होंने अकाल तख्त पर हमला करने की मांग की थी। बता दें कि राहुल गांधी गुरुद्वारे पहुंचे तो वहां महिलाओं के बीच बैठकर
सब्जी काटी थी। इसके अलावा जोड़ा घर में जाकर भी सेवा की थी। राहुल गांधी के इस व्यवहार की काफी तारीफ भी की जा रही है।
यही नहीं अकाली दल के दिल्ली यूनिट के प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने भी राहुल गांधी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मैं उनके सद्भाव का सम्मान करता हूं। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को इस मामले में पहला बयान नहीं देना था। उन्होंने कहा कि सिखों के इतिहास से भी समझना चाहिए। जहांगीर ने गुरु अर्जन देव की हत्या कराई थी। लेकिन बाद में गुरु हरगोबिंद सिंह ने उसके साथ भी अच्छे रिश्ते रखे थे। यही नहीं किसी के पूर्वजों की गलतियों के लिए उसको ब्लेम करना भी सिखों की परंपरा नहीं रही है।