तुर्की में भारत के राजदूत वीरेंद्र पॉल का निधन, एम्स में ली अंतिम सांस; विदेश मंत्रालय ने जताया शोक
भारतीय विदेश सेवा के 1991 बैच के अधिकारी, वीरेंद्र पॉल को जुलाई 2022 में तुर्की में राजदूत नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने केन्या में उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया था।
तुर्किये में भारत के राजदूत डॉ. वीरेंद्र पॉल का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को दिल्ली में निधन हो गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पॉल के निधन को भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए "बड़ी क्षति" बताया। आईएफएस के 1991 बैच के अधिकारी पॉल डेढ़ साल से अधिक समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और आज शाम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके एक सहयोगी ने यह जानकारी दी।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, "तुर्किये में हमारे राजदूत वीरेंद्र पॉल के निधन पर गहरा दुख हुआ। भारतीय विदेश सेवा के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है। मैंने कई जगह उनके साथ काम किया। हमेशा उनकी प्रतिबद्धता एवं सेवा का कायल रहा हूं और उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है।" पॉल ने एम्स से मेडिकल की पढ़ाई की थी। विदेश मंत्री ने पॉल के परिवार के प्रति "गहरी संवेदना" व्यक्त की। पॉल के परिवार में उनकी पत्नी रेचेलिन और दो बेटियां हैं।
लंदन में भारतीय उच्चायोग ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की जहां वीरेंद्र पॉल ने फरवरी 2013 से सितंबर 2016 तक उप उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया था। भारतीय विदेश सेवा के 1991 बैच के अधिकारी, पॉल को जुलाई 2022 में तुर्की में राजदूत नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने केन्या में उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया था। केन्या में भारतीय उच्चायोग ने भी अपने पूर्व भारतीय उच्चायुक्त के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
तुर्की में भारतीय दूतावास ने कहा, “हम अपने राजदूत डॉ. वीरेंद्र पॉल के असामयिक निधन से बहुत दुखी हैं। हम उनके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।” भारत में तुर्की के राजदूत फिरल सुनेल ने भी एक पोस्ट में उनके निधन पर शोक व्यक्त किया, “तुर्की में भारत के राजदूत महामहिम डॉ. रविंदर पॉल के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। वह एक उत्कृष्ट व्यक्ति और एक प्रतिष्ठित राजनयिक थे। उनके शोक संतप्त परिवार और विदेश मंत्रालय में शोकाकुल दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ओम शांति।”