Hindi Newsदेश न्यूज़SC judge got angry at Center imposed fine of 2 lakhs How long will pension of elderly Captain be kept pending - India Hindi News

कब तक लटकाए रखेंगे बुजुर्ग कैप्टन की पेंशन, केंद्र पर भड़के SC जज;  ठोक दिया 2 लाख का जुर्माना

One Rank One Pension: जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने योजना के तहत ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन के संबंध में विसंगतियों को हल करने के लिए केंद्र को 14 नवंबर तक समय दिया है।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीTue, 30 July 2024 07:01 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) योजना के तहत सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों (कैप्टन) को देय पेंशन पर वर्षों तक कोई निर्णय नहीं लेने पर मंगलवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई और उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने योजना के तहत ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन के संबंध में विसंगतियों को हल करने के लिए केंद्र को 14 नवंबर तक अंतिम अवसर दिया है। पीठ ने कहा कि दो लाख रुपये की जुर्माना राशि सेना के कल्याण कोष में जमा कराई जाएगी। साथ ही कहा कि यदि 14 नवंबर तक निर्णय नहीं लिया गया तो वह सेवानिवृत्त कैप्टन की पेंशन में 10 प्रतिशत वृद्धि का निर्देश देगी।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख तय की। केंद्र की ओर से अदालत में पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) की कोच्चि पीठ ने छह विसंगतियों को रेखांकित किया है, जिनमें सुधार की जरूरत है, लेकिन सरकार को अभी इस मामले में निर्णय लेना है।

पीठ ने कहा, ‘‘यह कितने साल तक चलेगा? या तो आप 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ पेंशन का भुगतान करें या हम आप पर जुर्माना लगा रहे हैं। हम चाहते थे कि निर्णय लिया जाए, लेकिन आपने (निर्णय) नहीं लिया। यह मामला 2021 में आया था, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’

भाटी ने कहा कि सरकार अधूरा निर्णय नहीं ले सकती, उसे इस मुद्दे को समग्र रूप से देखना होगा और सभी छह विसंगतियों पर विचार करना होगा क्योंकि निर्णय दूसरों को प्रभावित कर सकता है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘‘मैं केवल माफी मांग सकती हूं। कृपया हमें एक और मौका दें, हम इस संबंध में निर्णय लेंगे। हम इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करेंगे। हमें तीन महीने का समय दें, हम निर्णय लेंगे।’’

पीठ ने शुरू में केंद्र को और समय देने और कोई हलफनामा स्वीकार करने से इनकार कर दिया। हालांकि, अनुरोध के बाद पीठ ने सरकार को अंतिम अवसर के रूप में 14 नवंबर तक का समय दिया। साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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