सनातन की चोट खाई, अब कांग्रेस 'गोमूत्र' पर घिरी, स्टालिन की पार्टी ने फिर परेशानी में डाला
पहले उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने की बात कही थी। इतना ही नहीं उन्होंने सनातन की तुलना डेंगू जैसी बीमारियों से कर दी थी। इसके बाद डीएमके नेता ए राजा ने भी हिंदू धर्म पर टिप्पणी कर दी।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इसकी बड़ी वजह 'सनातन धर्म' के विरोध के मुद्दे को भी बताया गया। अब इससे उबर ही रही कांग्रेस 'गोमूत्र' पर घिरती नजर आ रही है। खास बात है कि इस बार भी जड़ विपक्षी गठबंधन INDIA के साथी दल द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम यानी DMK ही है।
क्या है गोमूत्र का मामला
मंगलवार को संसद में डीएमके सांसद पांच राज्यों में हुए चुनावों पर बोल रहे थे। उन्होंने हिंदी भाषी राज्यों पर 'गोमूत्र राज्य' होने की टिप्पणी कर दी थी। साथ ही कह दिया था कि भाजपा दक्षिण में नहीं आ सकती। हालात इतने बिगड़े की सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित भी करना पड़ा। हालांकि, बाद में सांसद ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'X' पर माफी मांग ली थी और बयान भी वापस ले लिया था।
कहा जाता है कि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर में हुए CRPF पर हमले में बड़ी भूमिका निभाने वाला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उसने हिन्दुस्तान की जनता को 'गोमूत्र पीने वाला' बताया था।
भाजपा उठा चुकी है मुद्दा
अब भाजपा पहले ही कांग्रेस पर उत्तर और दक्षिण की राजनीतिक कर विभाजन की कोशिश के आरोप लगा चुकी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा, 'तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बार-बार बयान आना, डीएमके के नेताओं के सनातन धर्म, हिंदुओं और हिंदी और उत्तर भारत के खिलाफ बयान आना, यह एक सोची समझी साजिश है। यह सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जहां भारत और भारतीयों को नीचा दिखाने की कोई कसर कांग्रेस नहीं छोड़ रही।'
उन्होंने कहा, '...कभी हिंदी बोलने वालों को गाली दो। कांग्रेस और उनके सहयोगी लगातार देश की आस्था और संस्कृति का अपनाम करते आ रहे हैं।' उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछा, 'देश को बांटने वाली सोच कांग्रेस क्यों ला रही है?...।'
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन स्टालिन समेत कई तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने 'X' पर लिखा, 'कांग्रेस और इसके सहयोगी दलों की विभाजनकारी राजनीति देखिए। कांग्रेस और INDI अलायंस जो भारत जोड़ो का गुणगान करते थे, अब देश को उत्तर और दक्षिण के नाम पर बांट रहे हैं।'
DMK नेताओं के बिगड़े बोल
उदयनिधि ने एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने की बात कही थी। इतना ही नहीं उन्होंने सनातन की तुलना डेंगू जैसी बीमारियों से कर दी थी। इसके बाद डीएमके नेता ए राजा ने भी हिंदू धर्म पर टिप्पणी कर दी। उन्होंने हिंदू धर्म को 'न केवल भारत बल्की दुनिया के लिए' प्रकोप बता दिया था।
बाद में सनातन धर्म को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक भी टिप्पणी करते नजर आए थे। भाजपा की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें खुद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे मोदी की सत्ता जारी रहने पर 'देश में सनातन और आरएसएस की हुकूमत' की बात कह रहे थे।
तीन राज्यों में सनातन का मुद्दा
अब कांग्रेस के नेता ही इशारों-इशारों में हार की वजह सनातन का विरोध बता रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा था, 'सनातन का श्राप ले डूबा।' साथ ही राजनीतिक जानकार तहसीन पूनावाला ने भी हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की हार की बड़ी वजह 'सनातन धर्म को गाली' देना बताया था।
खास बात है कि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में गोमूत्र और उत्तर-दक्षिण भारत के विभाजन का मुद्दा हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।