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डबल गेम खेल रहा अमेरिका? गुपचुप तरीके से PoK भेजा दूत, अब दिया 'भारत वाला तर्क'

पाकिस्तान स्थित दैनिक समाचार अखबार डॉन के अनुसार, अमेरिकी राजदूत के PoK दौरे को दूतावास और स्थानीय सरकार दोनों ने गुप्त रखा था। यात्रा के बारे में कोई डिटेल मीडिया को उपलब्ध नहीं कराई गई।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 26 Sep 2023 03:22 PM
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पड़ोसी देश पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत ने हाल ही में कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का दौरा किया था। छह दिवसीय यात्रा के दौरान, अमेरिकी राजदूत ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय प्रतिनिधियों और गिलगित बाल्टिस्तान सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। इसका खुलासा तब हुआ जब गिलगित-बाल्टिस्तान में विपक्षी नेता काजिम मेसुम ने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की छह दिवसीय यात्रा पर सवाल उठाया। विपक्षी नेता ने अमेरिकी दूत की 'रहस्यमय गतिविधियों' पर चिंता व्यक्त की थी।

अब इस पूरे मसले पर भारत में अमेरिका के राजदूत को तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने डोनाल्ड ब्लोम की PoK यात्रा का बचाव किया है। एरिक गार्सेटी ने मंगलवार को कहा कि जहां तक पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की गिलगित-बाल्टिस्तान यात्रा की बात है तो यह एक ऐसा मामला है जिसे "भारत और पाकिस्तान के बीच हल किया जाना चाहिए, न कि अमेरिका सहित किसी तीसरे पक्ष द्वारा।"

पाकिस्तान स्थित दैनिक समाचार अखबार डॉन के अनुसार, अमेरिकी राजदूत के PoK दौरे को दूतावास और स्थानीय सरकार दोनों ने गुप्त रखा था। यात्रा के बारे में कोई डिटेल मीडिया को उपलब्ध नहीं कराई गई। दूत की यात्रा के बारे में एकमात्र आधिकारिक जानकारी गिलगित बाल्टिस्तान के डिप्टी स्पीकर के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में दी गई। ब्लोम ने गिलगित में खाद्य एवं पर्यटन मंत्री गुलाम मुहम्मद से भी मुलाकात की थी।

इस पर अमेरिकी राजदूत गार्सेटी ने भारत में अमेरिकी दूत की कश्मीर यात्रा का तर्क दिया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत पर प्रतिक्रिया देना मेरा काम नहीं है, लेकिन मुझे पता है कि वह पहले भी जा चुके हैं और जाहिर तौर पर जी20 के दौरान हमारे प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य जम्मू-कश्मीर में भी रहे हैं।" उन्होंने कहा, ''हम बातचीत करते रहेंगे लेकिन यह कुछ ऐसा मसला है जिसे भारत और पाकिस्तान द्वारा हल किया जाना है, न कि अमेरिका सहित किसी तीसरे पक्ष द्वारा।'' अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भारत यात्रा पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “निमंत्रण मिला है लेकिन कार्यक्रम की पुष्टि नहीं हुई है।”

डॉन न्यूज के अनुसार, ब्लोम ने गिलगित बाल्टिस्तान की अपनी यात्रा से कुछ दिन पहले बंदरगाह शहर ग्वादर का भी दौरा किया, जहां चीन सीपीईसी के हिस्से के रूप में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। हालांकि, गिलगित-बाल्टिस्तान में विपक्षी नेता काजिम मेसुम ने ब्लोम की गिलगित-बाल्टिस्तान यात्रा पर सवाल उठाया है। विधानसभा में जीबी के विपक्षी नेता काजिम मेसुम ने शुक्रवार को कहा, क्षेत्र में अमेरिकी राजदूत की "रहस्यमय गतिविधियों" ने सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा कि जीबी सरकार को इस यात्रा के बारे में पता नहीं था।

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