Hindi Newsदेश न्यूज़Rajnath Singh said the government will give a statement in the Lok Sabha on the SC s decision of reservation in promotion

राजनाथ सिंह बोले- प्रमोशन में आरक्षण के SC के फैसले पर लोकसभा में बयान देगी सरकार

प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत सुप्रीम कोर्ट के 7 फरवरी के फैसले...

Mrinal Sinha लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 10 Feb 2020 01:51 PM
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प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत सुप्रीम कोर्ट के 7 फरवरी के फैसले पर लोकसभा में बयान देंगे कि सरकार सार्वजनिक पदों पर नियुक्तियों और पदोन्नति के लिए आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है और अदालतें निर्देश देने को बाध्य नहीं कर सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण न तो मौलिक अधिकार है, न ही राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए बाध्य है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने एक निर्णय में इस बात का जिक्र किया है। खंडपीठ ने कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है और इसके लिए राज्य सरकारों को बाध्य नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं, कोर्ट भी सरकार को इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 16(4) तथा (4ए) में जो प्रावधान हैं, उसके तहत राज्य सरकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के अभ्यर्थियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकते हैं, लेकिन यह फैसला राज्य सरकारों का ही होगा। अगर कोई राज्य सरकार ऐसा करना चाहती है तो उसे सार्वजनिक सेवाओं में उस वर्ग के प्रतिनिधित्व की कमी के संबंध में डाटा इकट्ठा करना होगा, क्योंकि आरक्षण के खिलाफ मामला उठने पर ऐसे आंकड़े अदालत में रखने होंगे, ताकि इसकी सही मंशा का पता चल सके, लेकिन सरकारों को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

पीठ का यह आदेश उत्तराखंड हाईकोर्ट के 15 नवंबर 2019 के उस फैसले पर आया, जिसमें उसने राज्य सरकार को सेवा कानून, 1994 की धारा 3(7) के तहत एससी-एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए कहा था, जबकि उत्तराखंड सरकार ने आरक्षण नहीं देने का फैसला किया था।

यह मामला उत्तराखंड में लोक निमार्ण विभाग में सहायक इंजीनियर (सिविल) के पदों पर प्रमोशन में एससी/एसटी के कर्मचारियों को आरक्षण देने के मामले में आया है, जिसमें सरकार ने आरक्षण नहीं देने का फैसला किया था, जबकि हाईकोर्ट ने सरकार से इन कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने को कहा था। राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि सहायक अभियंता के पदों पर प्रमोशन के जरिये भविष्य में सभी रिक्त पद केवल एससी और एसटी के सदस्यों से भरे जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के दोनों फैसलों को अनुचित करार देते हुए निरस्त कर दिया है। 

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