'मित्रकाल' में सत्य ही मेरा हथियार, बेल मिलते ही राहुल गांधी ने दिखाए तेवर
सूरत कोर्ट से बेल मिलने के बाद राहुल गांधी ने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!'
मोदी सरनेम मामले में सूरत की सेशन कोर्ट से बेल मिलने के बाद राहुल गांधी ने अपने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सत्य ही मेरा हथियार है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!' राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने आज 13 अप्रैल तक के लिए जमानत दे दी है। इसके अलावा अगली सुनवाई भी उसी दिन होगी। फिलहाल अदालत ने राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा को उनकी अपील पर फैसला होने तक निलंबित करने की बात कही है। इस तरह कांग्रेस नेता को बड़ी राहत मिली है।
मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को मिली बेल, सजा पर रोक का बढ़ा इंतजार
राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर दर्ज मानहानि के मामले में दो साल जेल की सजा हुई है। मार्च में हुई सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की मेंबरशिप चली गई है। यदि उनकी सजा पर अदालत से रोक नहीं लगती है तो फिर उन्हें लोकसभा की सदस्यता नहीं मिल पाएगी। यही नहीं उनके चुनाव लड़ने पर भी 8 साल तक के लिए रोक जारी रहेगी। ऐसी स्थिति में वह 2031 तक कोई चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं होंगे। अगले ही साल लोकसभा के इलेक्शन होने हैं। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहेगी कि राहुल गांधी चुनावी समर से दूर रहें।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान कर्नाटक में एक टिप्पणी की थी। उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे लोगों का नाम लेते हुए कहा था कि आखिर सारे चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है। राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने केस दायर कर दिया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने राहुल गांधी को दो साल कैद की सजा सुनाई है। इसी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ केस की सुनवाई करते हुए सूरत की अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है।