बिहार के बाद कांग्रेस का OBC कार्ड, राहुल गांधी ने किया 4 राज्यों में जातीय सर्वे का ऐलान
राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग के बाद 4 राज्यों में जातीय सर्वे कराने का ऐलान किया। राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश आज जातीय जनगणना चाहता है और हम इसे पूरा करेंगे।
कांग्रेस ने अपनी सत्ता वाले सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर दिया है। बिहार में महागठबंधन सरकार की ओर से जातीय सर्वे कराए जाने के बाद पूरे देश में ही इसे लेकर विपक्ष माहौल बना रहा है। इस बीच राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग के बाद इसका ऐलान किया। राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश आज जातीय जनगणना चाहता है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बगल में बिठाकर राहुल गांधी ने कहा कि हम अपनी सत्ता वाले सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे 4 मुख्यमंत्री हैं, उनमें से तीन ओबीसी वर्ग के हैं। भाजपा के 10 मुख्यमंत्री हैं, जिनमें से एक ही ओबीसी है। वह ओबीसी सीएम भी कुछ दिन बाद नहीं रह जाएंगे। मैं संसद में उदाहरण दिया कि देश के 90 सचिवों में से तीन ही ओबीसी वर्ग के हैं। इसे लेकर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। इससे साफ था कि नरेंद्र मोदी इस बात पर सहमत हैं कि देश में जिनकी आबादी 50 फीसदी के करीब है, उनकी सत्ता में भागीदारी न के बराबर हो। उनका काम यह रहा है कि ओबीसी समुदाय का ध्यान भटकाया जाए।
राहुल गांधी ने साफ कहा कि हम कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में जातीय जनगणना कराएंगे। इसके अलावा जिन राज्यों में हमारी सरकार आएगी, उनमें भी ऐसा फैसला लेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हिंदू समाज को बांटने के आरोप पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि समाज का एक्सरे होना चाहिए। यदि किसी को चोट लगती है तो उसकी पूरी जानकारी के लिए हम एक्सरे कराते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर हैरान हूं कि प्रधानमंत्री एक्सरे से क्यों डर रहे हैं। वह इससे लोगों का ध्यान क्यों भटकाना चाहते हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम देश के बहुसंख्यक लोगों को उनका हक दिलाना चाहते हैं। हम गरीबों को उनकी हिस्सेदारी दिलाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि जातीय सर्वे के बाद हम आर्थिक सर्वे भी कराएंगे। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों चुनावी जनसभा में कहा था कि कांग्रेस हिंदू समाज को बांटना चाहती है। उन्होंने कहा था कि आज आबादी के अनुसार हक की बात हो रही है तो क्या हिंदू समाज को आगे बढ़कर अपना हक लेना चाहिए। यदि ऐसा ही है तो फिर अल्पसंख्यकों को क्या होगा।