क्या गोवा में मिल रहा है पंजाब से ज्यादा ड्रग्स? नाराजगी जता रहे माइकल लोबो समेत विपक्ष के विधायक
गोवा के विधायकों विधायकों ने यह भी कहा कि गश्त के लिए पुलिस वाहनों की कमी, साइबर क्राइम की पहचान के लिए स्टाफ की कमी और काम नहीं करने वाली बोट पुलिस विभाग को खासा प्रभावित कर रही हैं।
गोवा विधानसभा में ड्रग्स को लेकर जमकर बहस हुई। राज्य के विधायकों ने नशे के बढ़ते कारोबार पर चिंता जाहिर की है। साथ ही नार्कोटिक्स के मामले में गोवा को पंजाब के मुकाबले आगे बताया है। कुछ विधायकों ने तटीय प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। गोवा विधानसभा में सोमवार से मानसून सत्र शुरू हो गया था।
कांग्रेस सांसद माइकल लोबो ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा ड्रग्स की पहुंच पंजाब नहीं गोवा में है। उन्होंने कहा, 'गोवा में अब अलग-अलग तरह के ड्रग्स मौजूद हैं और हम कह रहे हैं कि पंजाब सबसे बुरा है। लेकिन गोवा बदतर हो गया है। अब ड्रग्स आसानी से उपलब्ध हैं। मुझे लगता है कि सीएम को बैठकें करनी चाहिए। इसमें कई लोग शामिल और उनकी पहचान करना जरूरी है।'
कांग्रेस विधायक संकल्प अमोनकर ने कहा, 'पैडलर्स ने स्कूली बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यह हर गली में पहुंच गया है। आप शांत हैं। सख्त कार्रवाई की जरूरती है। इसने हमारे बच्चों को खत्म करना शुरू कर दिया है। ऐसा कारोबार करने वालों को हमें खत्म करना होगा।' विधायक विजय सरदेसाई ने राज्य में लत छुड़ाने वाले केंद्रों की जरूरत बताई है।
नुवेम विधायक एलेक्सो सीक्वेरा ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि बड़े कारोबारी बगैर डर के काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हर रोज आप पुलिस कॉन्स्टेबल्स की अच्छी तस्वीर उन पैडलर्स के साथ देखेंगे, जिन्हें उन्होंने पकड़ा है। लेकिन कितना ड्रग्स पकड़ा है उसे देखें। यह मूंगफली जितना है। आप कभी नहीं पढ़ेंगे कि पुलिस ने अच्छी मात्रा में ड्रग्स पकड़े। वे केवल छोटे पैडलर्स को पकड़ते हैं। अपराधियों को पकड़ों युवा छात्रों को नहीं।'
विधायकों ने यह भी कहा कि गश्त के लिए पुलिस वाहनों की कमी, साइबर क्राइम की पहचान के लिए स्टाफ की कमी और काम नहीं करने वाली बोट पुलिस विभाग को खासा प्रभावित कर रही हैं।
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