Hindi Newsदेश न्यूज़poonch martyr kulwant singh story father sacrifice in kargil war

पिता कारगिल में शहीद, बेटे ने पुंछ में दिया बलिदान; कुलवंत सिंह की कहानी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में सर्वोच्च बलिदान देने वाले पांच जवानों में से एक लांस नायक कुलवंत सिंह भी थे। पिता ने 1999 में कारगिल जंग में कुर्बानी दी थी। बेटे को भी वीर अंत मिला।

Gaurav Kala एएनआई, मोगाSat, 22 April 2023 11:31 AM
share Share

Poonch Martyr Kulwant Singh- जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में सर्वोच्च बलिदान देने वाले पांच जवानों में से एक लांस नायक कुलवंत सिंह भी थे। उनके मौत की खबर सुनते ही गांव चड़िक में शोक की लहर है। शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंच चुका है। हजारों की मौजूदगी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी जाएगी। कुलवंत सिंह से पहले उनके पिता ने 1999 में कारगिल जंग में अपनी कुर्बानी दी थी। पिता की ही तरह बेटे को भी वीर अंत मिला। 

कारगिल की चोटियों में अपने पिता के सर्वोच्च बलिदान देने के 11 साल बाद कुलवंत सिंह 2010 में सेना में शामिल हुए थे। लांस नायक कुलवंत सिंह की मां ने एएनआई को बताया, "घर छोड़ने से पहले, उसने मुझसे कहा कि वह ठीक से आ जाएगा और मुझे चिंता न करने के लिए कहा था।"

मां बताती है कि कुलवंत की डेढ़ साल की बेटी और तीन महीने का बेटा है, जो उसके चले जाने के बाद अनाथ हो गए हैं। लांस नायक कुलवंत सिंह का परिवार पंजाब के मोगा के चाडिक गांव में रहता है।

सरकार को मदद करनी चाहिएः सरपंच
गांव के सरपंच गुरचरण सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा कि चूंकि कुलवंत परिवार का एकमात्र कमाने वाला था, इसलिए सरकार को उसके परिवार की हर संभव मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। "कुलवंत सिंह परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे और उन्होंने कारगिल में अपनी जान दे दी। सरकार को आगे आना चाहिए और उनके परिवार की मदद करनी चाहिए।"

सेना ने एक बयान में कहा कि गुरुवार को राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच से गुजर रहे सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने गोलीबारी की। संदिग्ध लश्कर आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड के संभावित इस्तेमाल के कारण वाहन में आग लग गई। सेना ने कहा कि इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवानों की इस घटना में मौत हो गई।

2000 कमांडो चला रहे ऑपरेशन
हमले के बाद, सेना ने लगभग छह से सात आतंकवादियों के एक समूह का पता लगाने के लिए शुक्रवार को एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस अभियान में सेना, पैरामिलिट्री फोर्स और स्थानीय पुलिस के करीब 2000 कमांडो को तैनात किया गया है। 

6-7 आतंकियों का इनपुट मिला
एक रक्षा सूत्र ने एएनआई को बताया, "सेना और सुरक्षा एजेंसियों को राजौरी-पुंछ सेक्टर में उस इलाके के पास दो समूहों में सक्रिय 6-7 आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में इनपुट मिला है, जहां कल घटना हुई थी।" सूत्र ने कहा, "अभियान में मदद करने के लिए ड्रोन और निगरानी हेलीकॉप्टरों के साथ कई विशेष बलों की टीमों को इलाके में भेजा गया है।"

अगला लेखऐप पर पढ़ें