Politics heats up on caste certificate in army recruitment BJP retaliates on AAP question - India Hindi News सेना भर्ती में जाति प्रमाण पत्र पर गरमाई सियासत, AAP के सवाल पर भाजपा का पलटवार , India Hindi News - Hindustan
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सेना भर्ती में जाति प्रमाण पत्र पर गरमाई सियासत, AAP के सवाल पर भाजपा का पलटवार 

‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर दावा किया कि अग्निवीरों की भर्ती के लिए जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चेहरा देश के सामने आ चुका है।

Himanshu हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Wed, 20 July 2022 05:41 AM
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सेना भर्ती में जाति प्रमाण पत्र पर गरमाई सियासत, AAP के सवाल पर भाजपा का पलटवार 

अग्निपथ योजना को लेकर विवाद भले ही शांत पड़ चुका हो, लेकिन राजनीति अभी भी जारी है। अब नया विवाद आवेदकों से जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने को लेकर है। ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने इस मसले पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। मामले में केंद्र सरकार ने मंगलवार को संजय सिंह के बयान को खारिज करते हुए कहा कि सेना में जाति एवं धर्म के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता पहले से है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दावे को खारिज करते हुए कहा कि सेना में भर्ती की व्यवस्था अभी भी वही है, जो आजादी से पहले से चली आ रही है।

‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर दावा किया कि अग्निवीरों की भर्ती के लिए जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या दलितों/ पिछड़ों/ आदिवासियों को सेना में भर्ती के काबिल नहीं माना जाता? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। सरकार को आपको अग्निवीर तैयार करना है या जातिवीर। उन्होंने ट्वीट के साथ अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सेना के दिशा-निर्देशों की प्रति भी साझा की है, जिसमें जाति के साथ-साथ धर्म का प्रमाण पत्र भी मांगा गया है।

सेना बोली, पहले से व्यवस्था चली आ रही
मामले को लेकर विवाद खड़ा होने पर सेना की तरफ से कहा गया है कि यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है। अग्निवीरों की भर्ती के नियम पूर्णत वही हैं, जो सेना में नियमित जवानों के लिए पहले से चले आ रहे थे।

राजनाथ बोले- पहली की व्यवस्था कायम, कोई बदलाव नहीं
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पत्रकारों से कहा, स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह एक अफवाह है। आजादी से पहले जो (भर्ती) व्यवस्था थी, वह अब भी जारी है और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

भाजपा ने कहा, सेना का अपमान कर रहे विपक्षी दल
सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया कि आलोचक सेना का अनादर और अपमान कर रहे हैं और युवाओं को सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सेना की भर्ती प्रक्रिया समान रूप से स्वतंत्रता पूर्व से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि इसे औपचारिक स्वरूप वर्ष 1947 के बाद विशेष सेना आदेश के तहत दिया गया और अब भी उसका अनुपालन किया जा रहा है।

पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि सेना ने वर्ष 2013 में जब यूपीए की सरकार थी तब, एक जनहित याचिका के जवाब में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया था। पात्रा के अनुसार, हलफनामे में कहा गया कि उसकी भर्ती में धर्म और जाति की कोई भूमिका नहीं है और उम्मीदवारों से यह जानकारी केवल प्रशासनिक कारणों से ली जाती है। उन्होंने कहा कि अगर सैनिक अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के दौरान सर्वोच्च बलिदान देता है, तो उसके धर्म की जानकारी होने से अंतिम संस्कार की तैयारी करने में मदद मिलती है।

पात्रा ने कहा कि विपक्षी सदस्य समय-समय पर सेना को लेकर विवाद पैदा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले भी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था। उन्होंने सवाल किया, भारतीय सेना कभी आवेदकों की जाति और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती। वह इससे ऊपर है। क्या इन लोगों को यह जानकारी नहीं है?

तेजस्वी यादव ने भी सरकार से सवाल पूछा
राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि केंद्र की जातिवादी सरकार अब अग्निपथ रंगरूटों में से 75 प्रतिशत की छंटनी करने के दौरान जाति और धर्म देखेगी। भर्ती के लिए आवेदकों से अन्य प्रमाण पत्रों के साथ जाति प्रमाण पत्र भी मांगने संबंधी सेना के कथित दस्तावेज को साझा करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, जब सेना में कोई आरक्षण नहीं है तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है। यादव ने दावा किया कि अग्निवीरों से जाति इसलिए पूछी जा रही है, क्योंकि बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी की जाएगी। भाजपा की सहयोगी जदयू के नेता कुशवाहा ने भी यह मुद्दा उठाया और सवाल किया कि जब आरक्षण का प्रावधान नहीं है, तो सेना की भर्ती में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है।

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