रोकिए मीलॉर्ड...CAA के खिलाफ असदुद्दीन ओवैसी भी पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट
सीएए के खिलाफ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। ओवैसी का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान की मूल भावनाका विरोध करता है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि संशोधित कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। यह आर्टिकल 14, 25 और 21 का उल्लंघन करता है, इसलिए जब तक सुनवाई होती है, इस कानून को लागू करने पर रोक लगा देनी चाहिए। असदुद्दीन ओवेसी सीएए को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताते रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून भेदभाव पूर्ण है।
बता दें सीएए पर रोक लगाने की मांग वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। कोर्ट इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए भी सहमत हो गया है और 19 मार्च की तारीख दी है। बता दें कि 2019 से ही करीब दो सौ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में फाइल की जा चुकी हैं जिनपर सुनवाई पेंडिंग है। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 में ही संसद से पास हुआ था। हालांकि इसे अब केंद्र सरकार ने लागू किया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जो कि 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं। इस कानून के तहत यह प्रक्रिया तेज की जाएगी। इसमें हिंदू, बौद्ध, सिख और पारसी शामिल होंगे। विपक्ष का कहना है कि मुसलमानों को कानून के तहत ना शामिल करना धार्मिक भेदभाव है और संविधान के खिलाफ है।
ओवैसी की मांग है कि नागरिकता संशोधन विधेयक की धारा 6बी के तहत सरकार किसी को नागरिकता प्रदान ना करे। नागरिकात संशोधन विधेयक पास होने के बाद भी पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। कई जगहो पर आंदोलन हिंसक हो गए थे। बाद में कोरोना लॉकडाउन के दौरान विरोध प्रदर्शन थम गए।
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