कारगिल से लेकर बालाकोट तक, पाकिस्तान को चटाई धूल; 60 साल बाद खत्म हुआ वायुसेना के MiG-21 का युग
मिग-21 विमान साल 1966 से भारतीय वायुसेना में सर्विस दे रहे थे। मिग-21 ने 1963 में ट्रायल के आधार पर वायुसेना में एंट्री ली थी। यह 1970 से लेकर 2000 के मध्य तक भारत के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ रहा।

भारतीय वायु सेना (IAF) में 30 अक्टूबर को मिग-21 विमानों के एक लंबे युग का अंत हो गया। वायुसेना के मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमानों ने अपनी आखिरी उड़ान राजस्थान के बाड़मेर स्थित उतरलाई एयरबेस से भरी और अंतिम विदाई ली। ये विमान पिछले 6 दशक से देश की सेवा कर रहे थे। इस दौरान तीनों सेनाओं के सैनिक मौजूद रहे। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा, "इस अवसर पर, मिग-21 बाइसन ने Su-30 MKI के साथ उड़ान भरी।" दोनों विमान एक साथ हवा में उड़ते देखे गए।
भारतीय वायुसेना मिग-21 स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटा रही है और उनकी जगह स्वदेशी एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू जेट लाने की तैयारी में है। योजना के अनुसार, मिग-21 के नंबर 4 स्क्वाड्रन को अपनी इनवेंट्री में सुखोई-30MKI लड़ाकू जेट मिलेंगे और इस महीने के अंत तक रेगिस्तानी क्षेत्र में एक नए स्थान पर तैनात किया जा सकता है।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 3 अक्टूबर को कहा था, "हम 2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमान उड़ाना बंद कर देंगे और हम मिग-21 स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क-1ए से बदल देंगे। यही प्रस्ताव लागू है। अगले एक महीने में, दूसरे स्क्वाड्रन को नंबर-प्लेटेड मिलेगा और हम अगले साल किसी समय तीसरे को भी शामिल करेंगे। एलसीए मार्क-1ए के शामिल होने से इन निवर्तमान मिग-21 की कमी पूरी हो जाएगी।"
मिग-21 विमान साल 1966 से भारतीय वायुसेना में सर्विस दे रहे थे। मिग-21 ने 1963 में ट्रायल के आधार पर वायुसेना में एंट्री ली थी। यह 1970 से लेकर 2000 के मध्य तक भारत के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ रहा। बाद में Su-30MKI के आने के बाद मिग-21 का भार कम हुआ। कहते हैं कि कारगिल युद्ध में मिग-21 ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। मिग-21 साल 1971 की जंग में ऐसा नाम बन गया था, जिसने पाकिस्तान को घुटनों के बल ला दिया था।
भारतीय वायुसेना के साथ काम करने वाला अंतिम वैरिएंट मिग-21बाइसन था जिसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स, बेहतर नेविगेशन और संचार प्रणालियां थीं। हाल के दिनों में मिग-21 कई दुर्घटनाओं का शिकार भी हुआ था, जिसको लेकर काफी आलोचना हुई थी। इसकी सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे। ऐसे में अब इसे 30 अक्टूबर से विदाई दे दी गई है।
गौरतलब है कि बालाकोट ऑपरेशन के दौरान वायुसेना की 51 स्क्वाड्रन ने संचालन संभाला था। यह 27 फरवरी, 2019 को भारत पर पाकिस्तान के हवाई हमले को विफल करने और विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान द्वारा उड़ाए गए विमान द्वारा एफ-16 को मार गिराने के लिए प्रसिद्ध है। यह एकमात्र उदाहरण था जब मिग-21 विमान ने हवा से हवा में लड़ाई में एफ-16 को मार गिराया था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।