जानें समलैंगिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़नेवाले चैंपियन से
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आपसी सहमति से समलैंगिता को कानूनी मान्यता देते हुए आईपीसी की धारा 377 के तहत 158 साल पुराने अपराध बनानेवाले कानून पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। मुख्य...
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आपसी सहमति से समलैंगिता को कानूनी मान्यता देते हुए आईपीसी की धारा 377 के तहत 158 साल पुराने अपराध बनानेवाले कानून पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय खंडपीठ ने समलैंगिक कार्यकर्ता समेत कई याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद 17 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आइये जानते हैं शीरिष अदालत के 35 याचिकाकर्ताओं में से छह के बारे में।
गौतम यादव-
27 वर्षीय गौतम यादव गैर सरकारी संगठन हमसफर ट्रस्ट के साथ दिल्ली में काम कर रहे हैं। उनकी याचिका में उन बातों का जिक्र है जिसके चलते शरारतपूर्ण घटना के बाद उन्हें 15 वर्ष की उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा था। शादी नहीं करने के चलते उन्हें रिश्तेदारों की तरफ से लागातार ताने दिए जा रहे। 19 साल की उम्र में उन्हें पता चला कि वे एचआईवी पॉजिटिव हैं और उन्होंने खुलकर ये बोला कि वह एचआईवी पॉजिटिव होमोसेक्सुअल मेन के साथ रह रहे हैं। उन्होंने कहा- “यह याचिका इसलिए दाखिल की क्योंकि जिन चीजों का मैंने सामना किया उसे मैं देश के सामने लाना चाहता था।”
ऋतु डालमिया
45 वर्षीय ऋतु डालमिया दिल्ली की शेफ हैं और वे रेस्टोरेंट 'चेन दिवा' की मालकिन हैं। इस रेस्टोरेंट ने कई अवॉर्ड्स जीते हैं। कोलकाता में पैदा हुईं ऋतु 20 की आयु से पहले ही फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट खोलने के लिए लंदन चली गई। वह 1999 में भारत वापस लौटीं। दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से आईपीसी की धारा 377 पर फैसला सुनाने के बाद सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रखने और समलैंगिकों के बीच आपसी सहमति को अपराध बताने वाले कानून को बहाल रखने के आदेश के बाद उन्होंने याचिका दायर की।
केशव सूरी
ललित सूरी हॉस्पीटलिटी ग्रुप के 33 वर्षीय एग्जक्यूटिव डायरेक्टर जिनका अपना ललित होटल है, उन्होंने इस साल की शुरुआत में याचिका दायर की। ललित ऐसी 38 वैश्विक कंपनियों में शामिल है जो यूनाइटेड नेशंस स्टैंडर्ड फॉर कंडक्ट फॉर बिजनेस का समर्थन करता है। जिसे अक्टूबर 2017 में जारी किया गया।
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