पप्पू कौन है? हिमाचल में भाजपा की हार पर संसद में महुआ मोइत्रा का तंज; जमकर बरसीं
संसद में कई बार अपने तेजतर्रार भाषण के चलते चर्चा में रहीं महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर से सरकार पर तीखा हमला बोला है। सांसद ने अर्थव्यवस्था से लेकर ईडी की कार्रवाई तक पर सरकार पर हमला बोला।
संसद में कई बार अपने तेजतर्रार भाषण के चलते चर्चा में रहीं महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर से सरकार पर तीखा हमला बोला है। मंगलवार को लोकसभा में टीएमसी की सांसद ने अर्थव्यवस्था से लेकर ईडी की कार्रवाई तक के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा। यही नहीं पप्पू कौन है पूछते हुए उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार पर भी तंज कस दिया। महुआ मोइत्रा ने कहा, 'यह सरकार हर साल फरवरी में बताती है कि हमारे देश की इकॉनमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती है। लेकिन कुछ तथ्य बताते हैं कि असली पप्पू कौन है। औद्योगिक उत्पादन, मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में कमी आई है।'
ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की सांसद ने कहा कि सरकार बताती है कि दुनिया के एफआईआई का 15 प्रतिशत हिस्सा भारत आ रहा है। लेकिन सच्चाई यह है कि 9 सालों में करीब 12 लाख लोग भारत से चले गए। अकेले इसी साल के शुरुआती 10 महीनों में 1.82 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया। आखिर देश के अमीर लोग पुर्तगाल और सेनेगल जैसे देशों की नागरिकता क्यों ले रहे हैं? इसके लिए वे करोड़ों रुपये भी क्यों खर्च कर रहे हैं। महुआ मोइत्रा ने इस दौरान ईडी की रेड पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब तक की 1800 रेड में से दोषी पाए गए लोगों की संख्या महज 0.5 फीसदी ही है।
बंगाल की कृष्णानगर सीट से सांसद महुआ ने कहा कि आखिर यह सरकार कैसे काम कर रही है? क्या ईडी का काम सिर्फ लोगों का उत्पीड़न करना है। यह कैसी एजेंसी है, जिसके ऐक्शन का कोई अंजाम नहीं निकल पाता। इस दौरान उन्होंने नोटबंदी तक पर सवाल उठाए। महुआ मोइत्रा ने कहा कि आपने यह कहकर नोटबंदी की थी कि काले धन पर रोक लगेगी और कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ेगा। लेकिन अब भी कैश ही किंग है। इस दौरान उन्होंने उर्वरक की महंगाई और उसके अत्यधिक इस्तेमाल को लेकर भी सवाल किया। महुआ ने कहा कि सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने ही राज्य में जीत नहीं दिला सके। आखिर पप्पू कौन है?
जवाब में जगदंबिका पाल बोले- तो पप्पी किसे कहेंगे, मचा हंगामा
वहीं महुआ मोइत्रा के जवाब में बोलने के लिए जगदंबिका पाल खड़े हुए। उन्होंने कहा कि अनुपूरक अनुदान मांग की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते फर्टिलाइजर का भारी बिल सरकार को चुकाना पड़ा है। इसके अलावा हमने रोड नेटवर्क को बढ़ाने के लिए अनुपूरक मांग रखी है। उन्होंने कहा कि राज्यों में अनुपूरक अनुदान मांग रखी जाती है तो क्या राज्य में ऐसा करने पर किसे पप्पी कहा जाएगा। उनकी इस टिप्पणी पर विवाद तेज हो गया और विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। इस पर लोकसभा की अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र अग्रवाल ने पप्पी शब्द को संसदीय कार्यवाही से बाहर करने का आदेश दिया।