सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उद्धव की कैबिनेट मीटिंग, कांग्रेस ने की पुणे का नाम बदलने की मांग
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर सुनवाई चल रही थी तो दूसरी तरफ उद्धव कैबिनेट की मीटिंग। मीटिंग के बीच में ही दो मंत्री बाहर निकल गए।
महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश के बाद शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई जिसपर सुनवाई चल रही है। अभिषेक मनु सिंघवी शिवसेना की तरफ से पेश हुए और उन्होंने कहा कि अगर कल फ्लोर टेस्ट न हो तो आसमान नहीं गिरेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उनसे पूछा कि फ्लोर टेस्ट का अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित फैसले पर क्या असर पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि इस सियासी संकट का समाधान फ्लोर टेस्ट से ही निकल सकता है। एक तरफ सुनवाई चल रही थी तो दूसरी तरफ उद्धव कैबिनेट की मीटिंग।
कांग्रेस ने की पुणे का नाम बदलने की मांग
बताया जा रहा है कि इस बैठक में शहरों के नाम बदलने पर चर्चा हो रही है। वहीं कांग्रेस ने बैठक में पुणे का नाम बदलकर जीजाऊ नगर करने की मांग की है। छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई का ही एक नाम जीजाऊ भी है। उन्हें राजमाता जीजाऊ कहा जाता है।
बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर चर्चा हो रही है। उद्धव सरकार औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर रखना चाहती है। वहीं बैठक के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि कयासों का बाजार और गर्म हो गया। मीटिंग के बीच में ही कांग्रेस के दो मंत्री बैठक छोड़कर निकल गए।
असलम शेख और वर्षा गायकवाड़ कैबिनेट मीटिंग के हॉल में पहुंचे और थोड़ी ही देर में वे बाहर निकल गए। मंत्री के स्टाफ ने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि मंत्री महोदय कहां गए। अब ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मंत्री बैठक छोड़कर क्यों चले गए। यह भी हो सकता है कि शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया हो जिससे असहमति की वजह से उन्होंने मीटिंग छोड़ दी हो।
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