महाराष्ट्र् सियासी संग्रामः उद्धव बचाएंगे सरकार या कोशिश बेकार? ऐसी हैं 6 संभावनाएं
महाराष्ट्र में लंबे समय से चल रहे सियासी ड्रामे के बाद अब एकनाथ शिंद के बागी होने से महाविकास अघाड़ी सरकार संकट में आ गई है। उद्धव ठाकरे ने दूत भेजकर उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन यह काम नहीं आई।
महाराष्ट्र में शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एकनाथ शिंदे ने दोपहर में ट्वीट करके स्पष्ट कर दिया है कि वह विद्रोह के मूड में हैं। उनके साथ शिवसेना के कई विधायक भी हैं। हालांकि यह संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। उद्धव ठाकरे ने सूरत के होटल में रुके एकनाथ से बात करने के लिए मिलिंद नार्वेकर को भेजा था लेकिन उनकी कोशिश रंग लाती नहीं नजर आ रही हैं।
एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कह दिया है कि हिंदुत्व छोड़ने वाली शिवसेना में अब वह वापसी नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की फिराक में हैं। वहीं उद्धव ठाकरे अपने गठबंधन को बचाने की कोशिश में लग गए हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार जो कि सरकार का हिस्सा हैं, उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर उद्धव की सरकार गिरती है तो वह विपक्ष में बैठने को तैयार हैं।
अब महाराष्ट्र के इस सियासी संकट की 6 संभावनाएं नजर आ रही हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन सी संभावनाएं हैं।
1-भाजपा ला सकती है अविश्वास प्रस्ताव
अगर बागी नेता एकनाथ सिंदे के साथ 37 विधायक होते हैं तो वह एक नई पार्टी बना सकते हैं। वहीं अगर वह भाजपा को सपोर्ट करते हैं तो विधानसभा में एनडीए के 150 विधायक हो जाएंगे। अगर एनडीए बहुमत का नंबर पा जाती है तो विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर उद्धव सरकार गिरायी जा सकती है।
2- भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है और बागी जारी करते हैं विप
अगर शिंदे गुट के विधायकों के लिए विप जारी की जाती है कि सदन में वे उद्धव सरकार के खिलाफ वोट करें तो सरकार गिर सकती है। इसके अलावा बागी विधायकों को अगर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो फिर से चुनाव कराने पड़ेंगे। मौजूदा सरकार का भविष्य इसी बात पर निर्धारित होका कि कितने विधायक उनके समर्थन में हैं।
3- बागी विधायक दे देते हैं इस्तीफा
अभी शिंदे के सामने चुनौती है कि उन्हें कम से कम 37 विधायकों का समर्थन मिले। अगर ये विधायक सदन से इस्तीफा दे देते हैं तो सदन की संख्या कम हो जाएगी। इसके बाद सरकार की स्थिति निर्भर करेगी बचे हुए विधायकों की संख्या पर।
4- अगर शिंदे भाजपा के सपोर्ट से बन जाते हैं मुख्यमंत्री
अयोग्य घोषित होने से बचने केलिए अगर शिंदे को 37 विधायकों का समर्थन मिल जाता है और वह नई पार्टी बना लेते हैं या फिर भाजपा में शामलि हो जाते हैं तो उद्धव सरकार गिराने के बाद भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है।
5- अगर फेल हो जाएं शिंदे के इरादे
अगर एकनाथ शिंदे 37 विधायकों का समर्थन नहीं जुटा पाते और वह अयोग्य़ घोषित हो जाते हैं तो उद्धव सरकार बच सकती है। क्योंकि ऐसे में कई विधायक शिवसेना में वापस चले जाएंगे और महाविकास अघाड़ी सरकार सियासी संकट से बच जाएगी।
6- अगर लग जाता है राष्ट्रपति शासन
अगर महाराष्ट्र में कुछ समय तक इस तरह का सियासी संकट और अनिश्चितता बरकरार रहती है तो राज्यपाल केंद्र को इसकी जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद केंद्र राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है।
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