शतरंज ओलंपियाड के विज्ञापनों से PM-राष्ट्रपति की तस्वीर गायब, HC ने तमिलनाडु सरकार को लगाई फटकार
राज्य सरकार ने इस मामले में जो कारण बताए थे, उन्हें चीफ जस्टिस एम.एन. भंडारी और जस्टिस एस. अनंती की बेंच ने खारिज कर दिया। सार्वजनिक कार्यक्रम के मामले में राष्ट्रीय हित का ध्यान रखा जाना चाहिए।
मद्रास हाई कोर्ट ने शतरंज ओलंपियाड के लिए दिए जाने वाले विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें शामिल नहीं करने पर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाई। राज्य सरकार ने इस मामले में जो कारण बताए थे, उन्हें चीफ जस्टिस एम.एन. भंडारी और जस्टिस एस. अनंती की बेंच ने खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रम के मामले में राष्ट्रीय हित और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का ध्यान रखा जाना चाहिए। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि भले ही राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री जैसे गणमान्य व्यक्ति किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए निमंत्रण स्वीकार करते हैं या नहीं, लेकिन विज्ञापनों में उनकी तस्वीरें होनी चाहिए क्योंकि वे अतंरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मामले में दायर हुई थी जनहित याचिका
बेंच ने मदुरै निवासी आर. राजेश कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका का निपटारा करने के दौरान यह टिप्पणी की। याचिका में शतरंज ओलंपियाड के विज्ञापनों में केवल राज्य के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की तस्वीर के इस्तेमाल को अवैध, मनमाना और कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करार दिया था।
बता दें कि शतरंज ओलंपियाड के 44 वें सत्र के आगाज से पहले चेन्नई के मुख्य इलाके को शानदार तरीके से सजाया गया है, जहां शतरंज की लोकप्रियता अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सड़क मार्ग के जरिए जब जवाहरलाल नेहरू की ओर बढ़ रहे थे तब रास्ते में संगीतकारों और ताल वादकों के प्रदर्शन के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मोदी ने शतरंज की बिसात की डिजाइन वाली बॉर्डर वाला पटका पहन रखा था।