वकीलों से अच्छा बर्ताव नहीं था... इलाहाबाद HC के जस्टिस के फेयरवेल से बार एसोसिएशन का इनकार
किसी भी जज का जब उच्च न्यायालय से ट्रांसफर होता है या रिटायरमेंट होता है तो उन्हें फेयरवेल दिए जाने की एक परंपरा है। लेकिन इलाहाबाद HC के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को फेयरवेल ना देने का फैसला लिया गया।
किसी भी जज का जब उच्च न्यायालय से ट्रांसफर होता है या रिटायरमेंट होता है तो उन्हें फेयरवेल दिए जाने की एक परंपरा है। लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को फेयरवेल ना देने का फैसला बार एसोसिएशन ने लिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को केरल उच्च न्यायालय में ट्रांसफऱ किया गया है। उनके ट्रांसफर के आदेश की खबर मिलते ही 16 जुलाई को अवध बार एसोसिएशन की एक मीटिंग बुलाई। बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आनंद मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में बुलाई गई इस मीटिंग में जज के ट्रांसफर पर फेयरवेल दिए जाने को लेकर चर्चा हुई।
हालांकि इस मीटिंग में फेयरवेल दिए जाने और उसकी योजना तैयार करने की बजाय ऐसा ना करने का प्रस्ताव पारित हुआ। बार ऐंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार मीटिंग में आए ज्यादातर वकीलों ने फेयरवेल ना किए जाने की सलाह दी। इन वकीलों का कहना था कि जस्टिस दिनेश कुमार सिंह का अपने कार्यकाल के दौरान वकीलों से अच्छा बर्ताव नहीं था। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने मीटिंग में ऐसे भी कई वाकयों का जिक्र किया, जब जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने वकीलों के लिए गलत शब्दों का प्रयोग किया। वकीलों ने कहा कि जस्टिस की भाषा ऐसी थी, जिसके तहत उन्होंने अवध बार एसोसिएशन की छवि को नुकसान पहुंचाया।
यही नहीं वकीलों की मीटिंग में यह भी प्रस्ताव पारित हुआ कि यदि इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जस्टिस सिंह के सम्मान में फुल बेंच मीटिंग आयोजित होती है तो उसका भी बहिष्कार किया जाएगा। मीटिंग में एकमत से प्रस्ताव पारित किया गया कि जस्टिस दिनेश कुमार सिंह के सम्मान में फेयरवेल का आयोजन नहीं किया जाएगा। यदि उनके सम्मान में इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से फुल बेंच मीटिंग बुलाई जाएगी तो उसमें भी हम हिस्सा नहीं लेंगे। 12 जुलाई को सुप्रीम कॉलेजियम ने जस्टिस सिंह को केरल हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला लिया था।
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