Hindi Newsदेश न्यूज़law minister Kiren Rijiju said Judges Dont Face Elections but cant hide anything - India Hindi News

जजों को इलेक्शन का सामना नहीं करना पड़ता... किरेन रिजिजू ने फिर कॉलेजियम पर साधा निशाना

रिजिजू ने कहा,

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 23 Jan 2023 02:06 PM
share Share

कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में कोई भी कुछ छिपा नहीं सकता है। केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि भले ही न्यायाधीशों को किसी इलेक्शन या सार्वजनिक जांच का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन फिर भी वे जनता की नजर में होते हैं। उन्होंने कहा, "लोग आपको देख रहे हैं.. आप जो जजमेंट देते हैं, आप कैसे काम करते हैं.. सोशल मीडिया के इस युग में आप कुछ भी नहीं छिपा सकते।"

रिजिजू ने कहा, "जज बनने के बाद, उन्हें चुनाव या जनता की निगरानी का सामना नहीं करना पड़ता है। जजों, उनके फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं, और अपना आकलन करते हैं, जनता उसे देख रही है।" रिजिजू ने कहा कि 1947 के बाद से कई बदलाव हुए हैं, इसलिए यह सोचना गलत होगा कि मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी और इस पर कभी सवाल नहीं उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बदलती स्थिति है जो आवश्यकता को निर्धारित करती है और यही कारण है कि संविधान को सौ से अधिक बार संशोधित करना पड़ा। 

लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाली विधायिका को सर्वोच्च बताते हुए रिजिजू ने कहा कि सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति में एक बड़ी भूमिका की मांग कर रही है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार कॉलेजियम में अपना प्रतिनिध नहीं चाहती है।

किरेन रिजिजू ने कहा, "मैंने CJI को एक पत्र लिखा, जिसके बारे में किसी को नहीं पता था। पता नहीं किसे कहां से पता चला और खबर बना दी कि कानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखा कि कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिए। इस बात का कोई सर पैर नहीं। मैं कहां से उस प्रणाली में एक और व्यक्ति डाल दूंगा।"

दिल्ली बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "भारत में लोकतंत्र सिर्फ जीवित ही नहीं बल्कि मजबूती से आगे चले उसके लिए एक मजबूत और आजाद न्यायपालिका का होना जरूरी है। न्यायपालिका की आजादी को कमजोर या उसके अधिकार, सम्मान और गरिमा को कम करेंगे तो लोकतंत्र सफल नहीं होगा।"

उन्होंने अपने दर्शकों को यह भी याद दिलाया कि सोशल मीडिया के आगमन के साथ, लोगों के पास अब बोलने की शक्ति है। यह पुराने दिनों की तरह नहीं है, जब कोई मंच नहीं था और केवल "नेता लोग" ही बोल सकते थे। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने सोशल मीडिया पर न्यायाधीशों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में उनसे मदद मांगी थी। उन्होंने कहा, "इसे कैसे कंट्रोल किया जाए? क्योंकि जज सोशल मीडिया पर इसका जवाब तो दे नहीं सकते। सरकार से सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया गया है... मैंने इसका संज्ञान लिया है और इसका समाधान निकाला है।"

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें