तब मोदी 105 साल का होगा, आज गाली क्यों खाए; अग्निपथ स्कीम पर PM ने विपक्ष को खूब सुनाया
Agniveer Scheme: पीएम मोदी ने कहा, 'सेना द्वारा किए गए जरूरी सुधारों का एक उदाहरण अग्निपथ स्कीम भी है। दशकों तक, संसद से लेकर अनेक कमिटीज तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रही हैं।
करगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि 'कुछ लोगों' ने इस योजना को लेकर देश के लोगों में भ्रम फैलाया। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर 'हजारों करोड़ के घोटाले कर' देश की सेना को कमजोर करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना का लक्ष्य देश के सेनाओं को युवा बनाना है।
पीएम मोदी ने कहा, 'सेना द्वारा किए गए जरूरी सुधारों का एक उदाहरण अग्निपथ स्कीम भी है। दशकों तक, संसद से लेकर अनेक कमिटीज तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रही हैं। भारत के सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल से ज्यादा होना, ये चिंता बढ़ाता रहा है। इसलिए ये विषय बरसों तक अनेक कमेटियों में भी उठा, लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई गई। अग्निपथ योजना के जरिए देश ने इस चिंता को एड्रेस किया है।'
पीएम ने कहा- पेंशन का नाम लेकर फैलाया भ्रम
प्रधानमंत्री मोदी ने योजना को लेकर कहा, 'प्राइवेट सेक्टर और पैरामिलिट्री फोर्सेज में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणाएं की हैं। मैं तो हैरान हूं कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ। उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए यह योजना लेकर आई है।'
उन्होंने कहा, 'ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है, लेकिन ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि कोई मुझे बताए कि आज मोदी के शासनकाल में जो भर्ती होगा, क्या आज ही उसको पेंशन देना है क्या। उसको पेंशन देने की नौबत 30 साल के बाद आएगी। तब तो मोदी 105 साल को हो गया होगा। क्या मोदी जब 105 साल का होगा, 30 साल के बाद जो पेंशन बचेगा, तो मोदी ऐसा राजनीतिज्ञ है जो आज गाली खाएगा। क्या तर्क दे रहे हैं।'
पीएम मोदी ने कहा, '...जैसा मैंने पहले कहा कि हम राजनीति के लिए नहीं, राष्ट्र नीति के लिए काम करते हैं। हमारी लिए राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है। हमारे लिए 140 करोड़ की शांति सबसे पहले है। जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनका इतिहास साक्षी है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने एक मामूली रकम 500 करोड़ रुपये दिखा दिखाकर वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला था। हमारी सरकार है, जिसने वन रैंक वन पेंशन लागू की।'