सड़क के मोड़ पर हमला, हथियार लूटना और वीडियो बनाना; पुंछ हमलों में खास पैटर्न का खुलासा
इन दोनों जगहों के बीच जंगल है और जिसकी दूरी 30 किलोमीटर तक है। अगर आप सड़क से यात्रा कर रहे हैं तो आपको सुरनकोट से 55 किमी और राजौरी-थानामंडी मार्ग से 80 किमी की दूरी तय करनी होगी।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों पर 8 महीने के भीतर हुए दो आतंकवादी हमलों में एक तरह के पैटर्न का पता चला है। इनमें सबसे पहले है लोकेशन का चुनाव, हमले के लिए इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद और फिर हमलावरों के काम करने का तरीका। 20 अप्रैल को भिंबर गली-सूरनकोट रोड पर आतंकवादियों ने सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। यह अटैक उस वक्त हुआ जब सांगियोट गांव में होने वाली इफ्तार पार्टी के लिए फल और दूसरे सामान ले जाए जा रहा था। इसके बाद, 21 दिसंबर को आतंकवादियों ने देहरा की गली-बफलियाज रोड पर सेना के 2 वाहनों पर घात लगाकर हमला किया। इसमें 4 जवान शहीद हुए और 3 घायल हो गए।
इन दोनों जगहों के बीच जंगल है और जिसकी दूरी 30 किलोमीटर तक है। अगर आप सड़क से यात्रा करना चाहते हैं तो सुरनकोट से 55 किमी और राजौरी-थानामंडी मार्ग से 80 किमी की दूरी तय करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों हमलों को 4-5 की संख्या में आतंकियों ने अंजाम दिया। इससे पहले इनकी ओर से टारगेटेड लोकेशन की टोह ली गई। ऐसा मालूम होता है कि जिन जगहों पर अटैक हुआ उन्हें काफी सावधानी से चुना गया था। यहां खासतौर पर इस बात का ध्यान रखा गया कि मोड़ पर जाने से पहले वाहनों को धीमा किया जाएगा।
दोनों हमलों में स्टील कोर बारूद का इस्तेमाल
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि आतंकवादियों ने दोनों हमलों में स्टील कोर बारूद का इस्तेमाल किया। यह भी पता चला कि घात लगाकर किए गए हमले के बाद उन्होंने मृत सैनिकों के हथियार लूट लिए। ऐसा मालूम होता है कि उन्होंने हमलों की तस्वीरें और वीडियो शूट करने के लिए बॉडीकैम से लैस हेडगियर पहना था। हमले से जुड़े कथित वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर भी किए गए। बता दें कि हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए दुर्गम इलाकों और घने जंगलों में सुरक्षाबलों का तलाश अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 30 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई है और उनमें से कई को छोड़ दिया गया है।
तलाशी अभियान में खोजी कुत्तों और हवाई तंत्र का इस्तेमाल
अधिकारी ने बताया कि अभियान में खोजी कुत्ते, निगरानी उपकरण और हवाई तंत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दबदबा बनाए रखने के अभियान के बीच घुसपैठ के 7 मार्गों को बंद करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घने जंगल, गहरी घाटियां और गुफाएं होने के कारण अभियान बेहद सावधानी से चलाया जा रहा है। राजौरी और पुंछ में लगातार चौथे दिन मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को पुंछ में घटनास्थल का दौरा किया था। सेना प्रमुख ने अपने दौरे के दौरान सुरनकोट और पास के राजौरी जिले के थानामंडी वन क्षेत्र में जारी आतंकवाद रोधी अभियान की समीक्षा की। जनरल पांडे ने सुरक्षाकर्मियों से सभी चुनौतियों के प्रति दृढ़ रहने को कहा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)