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Hindi Newsदेश न्यूज़Is Iran vs Pakistan going to become war of Shia between Sunni Know where stronghold in Arab World - India Hindi News

क्या ईरान vs पाकिस्तान बनने जा रहा शिया बनाम सुन्नी की जंग, किस मुस्लिम देश में कौन समुदाय किस पर भारी?

Shia and Sunni : शिया मुसलमानों का दावा है कि मुहम्मद साहब ने अपने इंतकाल से पहले हजरत अली को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। वहीं सुन्नी संप्रदाय के लोगों का दावा है कि अबू बकर को वारिस बनाया था।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 18 Jan 2024 07:48 AM
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ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान पर मिसाइल से अटैक किया। इस पर पलटवार करते हुए पाकिस्तान ने अगले दिन यानी बुधवार को ईरान पर हमला बोल दिया। इससे दोनों देशों के बीच तलवार खिंच गई है। शिया बहुल ईरान ने जिस इलाके में हमला बोला है, वह बलूचिस्तान-सिस्तान का इलाका है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का तो सिस्तान ईरान का सीमाई इलाका है। पाकिस्तान सुन्नी बहुल देश है। इराक और सीरिया का ISIS आतंकी समूह सुन्नी मुस्लिमों का समूह है।

जिस जैश अल-अदल नामक आतंकवादी संगठन पर ईरान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला बोला है, वह सुन्नी सलाफिस्ट आतंकवादी समूह से जुड़ा है और इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद के साथ उसके घनिष्ठ संबंध हैं। ईरान ने पाकिस्तान के अलावा सुन्नी बहुल सीरिया पर भी हमला बोला है। इराक के साथ उसकी पुरानी रंजिश है। मोसाद के ठिकानों को लक्षित कर वहां भी कुर्दिस्तान में ईरानी मिसाइल बरसे हैं। इराक मे वैसे तो शिया-सुन्नी लगभग बराबर रहते हैं लेकिन संख्या बल में सुन्नी शिया पर भारी पड़ते हैं।

शिया और सुन्नी की लड़ाई क्या है?
शिया और सुन्नी की लड़ाई इस्लाम की सबसे घातक और पुरानी लड़ाइयों में एक है। इसकी शुरुआत पैगम्बर मुहम्मद के जाने के बाद 652 ई. में उत्तराधिकार के जंग के रूप में शुरू हुई। मुहम्मद साहब के दामाद हजरत अली को मानने वाले लोग शिया कहलाए, जबकि अबू बकर को मानने वाले लोग सुन्नी कहलाए। शिया मुसलमानों का दावा है कि मुहम्मद साहब ने अपने इंतकाल से पहले हजरत अली को अपना उत्तराधिकारी लिखित रूप में घोषित किया था।

वहीं सुन्नी संप्रदाय के लोगों का दावा है कि मुहम्मद साहब ने अपना असली वारिस अबू बकर को बनाया था। इसी मान्यता को लेकर मुसलमान दो हिस्सों में बंट गए। हालांकि दोनों समुदाय कुरान और शरियत को मानते हैं लेकिन मुहम्मद पैगंबर पर इनकी राय अलग-अलग है। शिया हजरत अली को जबकि सुन्नी पैगंबर साहब को अपना खलीफा मानते हैं।

कहां कितने शिया और सुन्नी
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक प्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच देशों में आधी से अधिक मुस्लिम आबादी शियाओं की है। इनमें ईरान सबसे ऊपर है, जहां 90 से 95 फीसदी आबादी शिया संप्रदाय को मानने वाली है। इसी तरह अजरबैजान और बहरीन में 65 से 75 फीसदी और इराक एवं लेबनान में 45 से 55 फीसदी शियाओं की आबादी है।

इससे उलट पाकिस्तान में 90 से 95 फीसदी से ज्यादा मुसलमान सुन्नी हैं। सीरिया, अफगानिस्तान, तुर्की और सऊदी अरब में भी कमोबेश 90 फीसदी से ज्यादा सुन्नी मुसलमान हैं। मिस्र में सुन्नी आबादी 99 फीसदी तक है।
 

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