Hindi Newsदेश न्यूज़Is Bhutan moving closer to China Important meeting between PM Modi and Jigme Khesar Namgyel Wangchuck - India Hindi News

चीन के करीब जा रहा भूटान? पीएम मोदी और किंग के बीच अहम मुलाकात, क्या हुई बातचीत

India-China-Bhutan Relations: भूटान भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है।

Madan Tiwari एजेंसियां, नई दिल्लीTue, 4 April 2023 05:01 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ आर्थिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। थिम्पू पर प्रभाव बढ़ाने के चीन के प्रयासों को लेकर नई दिल्ली की कुछ चिंताओं के बीच भूटान नरेश ने सोमवार को भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू की। डोकलाम विवाद पर भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग की हाल की कुछ टिप्पणियों को लोगों ने पड़ोसी देश के चीन के करीब जाने के रूप में देखा, हालांकि भूटान ने कहा कि सीमा विवाद पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। 

जानकारी के मुताबिक, मोदी और वांगचुक के बीच बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर केंद्रित रही। बैठक के बाद विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश के बीच बैठक में द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े व्यापक मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमें संबंधित राष्ट्रीय हित के मुद्दे भी शामिल हैं। भूटान नरेश की भारत यात्रा ने सहयोग को और विस्तार देने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का अवसर प्रदान किया। सुरक्षा सहयोग को लेकर भारत और भूटान निकट संपर्क में हैं।''

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर भूटान नरेश की अगवानी की थी। यह भूटान नरेश की इस यात्रा को नई दिल्ली द्वारा दिए गए महत्व को दर्शाता है। जयशंकर ने सोमवार शाम को भूटान नरेश से मुलाकात की थी और कहा था कि भूटान के भविष्य और भारत के साथ अनूठी साझेदारी को मजबूत करने के लिए नरेश के दृष्टिकोण की सराहना की जाती है। भूटान भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है।

डोकलाम में भारत-चीन के बीच रहा तनाव
वर्ष 2017 में डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले टकराव की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ वर्षों में रणनीतिक संबंधों में तेजी देखी गई है। डोकलाम पठार को भारत के सामरिक हित के लिहाज से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। डोकलाम ट्राई-जंक्शन पर 2017 में गतिरोध तब शुरू हुआ था जब चीन ने उस क्षेत्र में सड़क का विस्तार करने की कोशिश की थी, जिसके बारे में भूटान ने दावा किया था कि वह उसका है। भारत ने निर्माण का कड़ा विरोध किया था क्योंकि इससे उसके समग्र सुरक्षा हित प्रभावित होते। भारत-चीन के बीच गतिरोध कई दौर की बातचीत के बाद सुलझा। 

भूटान का शीर्ष व्यापारिक भागीदार रहा भारत
अक्टूबर 2021 में, भूटान और चीन ने अपने सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए ''तीन-चरणीय कार्ययोजना'' को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भूटान चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है और दोनों देशों ने विवाद को हल करने के लिए सीमा वार्ता के 24 से अधिक दौर आयोजित किए हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार में भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि डोकलाम में सीमा विवाद को सुलझाने में चीन की भी बराबर की भूमिका है। भारत लगातार भूटान का शीर्ष व्यापारिक भागीदार रहा है और भूटान में निवेश का प्रमुख स्रोत बना हुआ है।

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