आठ घंटे तक बनाया बंधक, सीने पर बंदूकें रख सब लूट ले गए; सूडान से लौटे भारतीयों ने सुनाई आपबीती
एजेंसियों के अनुसार, लड़ाई में 459 लोग मारे गए हैं और 4,000 से अधिक घायल हुए हैं। सूडान के कई इलाके बिजली और पानी के बिना हैं, और खार्तूम और अन्य शहरों में भोजन की कमी की सूचना मिली है।
हिंसाग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने का सिलसिला जारी है। भारतीय वायु सेना के दो परिवहन विमानों के जरिए सूडान से 250 भारतीयों को निकाला गया है। इससे पहले नौसेना के जहाज आईएनएस सुमेधा के माध्यम से इस हिंसाग्रस्त अफ्रीकी देश से 278 नागरिकों को निकाला गया था। सूडान से आने वाले भारतीय हिंसा की दिल दहला देने वाली घटनाओं की आपबीती सुना रहे हैं। सूडान से निकालकर सऊदी अरब के जेद्दा पहुंचाए गए भारतीयों ने बताया कि उनके सीने पर बंदूक रखकर उन्हें 8 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। उन्होंने कहा कि उनके घरों में घुसकर लूटपाट की गई।
भारतीय सेना ने खाना खिलाया
भारत लौटने वाले नागरिकों ने सूडान की भीषण स्थितियों के बारे में बताया है। एएनआई द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में, नागरिकों में से एक को सूडान में दंगों की स्थिति के बारे में बात करते हुए देखा जा सकता है। उनका कहना है कि भारत सरकार ने उन्हें जहाज से लाने की व्यवस्था की। उनका यह भी कहना है कि नागरिकों को भारतीय सेना ने खाना खिलाया। एक भारतीय नागरिक ने कहा कि सूडान में लड़ाई चरम स्तर पर है। उन्होंने कहा कि हिंसा ठीक उनके घरों के बाहर हो रही थी और उन्हें खाने तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। एक अन्य नागरिक ने कहा कि उन्होंने पिछले दो-तीन दिनों से खाना नहीं खाया था।
आठ घंटे तक बंधक बनाकर रखा
एक अन्य नागरिक ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "सूडान में अर्धसैनिक बल (आरएसएफ) हमारी कंपनी के करीब थे। सुबह 9 बजे वे हमारी कंपनी में घुसे और फायरिंग शुरू कर दी और हमें लूट लिया। उन्होंने हमें आठ घंटे तक बंधक बनाकर रखा। उन्होंने अपनी बंदूकें हमारे सिर और सीने पर तान रखीं थीं और हमें लूटा। उन्होंने कंपनी में सब कुछ नष्ट कर दिया। उन्होंने फाइलों को भी नष्ट कर दिया और हमारे लैपटॉप और मोबाइल फोन चुरा लिए। इसके बाद हमने दूतावास से संपर्क किया... हमारे पास खाना नहीं था। हम एक गांव में छिपे हुए थे। हमने डीजल की व्यवस्था की और दूतावास से हमें निकालने के लिए बसों की व्यवस्था करने को कहा।”
सूडान में थे लगभग 3,000 भारतीय नागरिक
इससे पहले विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन भारतीयों को निकालने के प्रयासों की निगरानी के लिए मंगलवार को जेद्दा (सऊदी अरब) पहुंचे। उन्होंने सऊदी बंदरगाह शहर में भारतीयों के आगमन के बाद उनकी अगवानी की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "जेद्दा पहुंचे सभी लोगों के लिए भारत की आगे की यात्रा शीघ्र ही शुरू होगी।" मंगलवार तक पोर्ट सूडान में जमा हुए अधिकांश भारतीय नागरिकों को अब सऊदी अरब भेज दिया गया है। भारतीय अधिकारी अभी भी सूडान की राजधानी खार्तूम के पास स्थित सैन्य हवाई अड्डों के इस्तेमाल सहित अन्य स्थानों से फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विभिन्न विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। लड़ाई के समय सूडान में लगभग 3,000 भारतीय नागरिक थे, जिनमें से अधिकांश खार्तूम में थे।
सूडान में मारे गए 459 लोग
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार, लड़ाई में 459 लोग मारे गए हैं और 4,000 से अधिक घायल हुए हैं। सूडान के कई इलाके बिजली और पानी के बिना हैं, और खार्तूम और अन्य शहरों में भोजन की कमी की सूचना मिली है। सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत भारत ने जेद्दा में पारगमन सुविधा स्थापित की है। सूडान से निकाले जाने के बाद भारतीय नागरिकों को सऊदी अरब के इस शहर में लाया जा रहा है।
भारत ने मंगलवार को हिंसाग्रस्त सूडान से अपने 278 नागरिकों के पहले जत्थे को आईएनएस सुमेधा के जरिये निकाला और वहां फंसे शेष भारतीयों के लिए जरूरी राहत सामग्री पहुंचायी। इसके कुछ ही घंटे बाद भारतीय वायु सेना का परिवहन विमान सी130जे ‘पोर्ट सूडान’ में उतरा ताकि और भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला जा सके। इसके बाद अन्य सी130जे विमान से नागरिकों को निकाला गया।
72 घंटे का संघर्ष विराम
विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अनुसार, पहले सी130जे विमान के माध्यम से 121 नागरिकों को और दूसरे विमान से 135 लोगों को बाहर निकाला गया। भारत ने सऊदी अरब के शहर जेद्दा में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है ताकि सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने में सुविधा हो सके। ज्ञात हो कि सूडान में करीब 3000 भारतीयों को निकालने के लिए अभियान शुरू किया गया है। बहरहाल, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन निकासी अभियान पर नजर रखने के लिए जेद्दा पहुंच गए हैं।
ज्ञात हो कि सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है। पिछले 12 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, सूडान में दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने निकासी अभियान के बारे में कहा था कि सूडान के बंदरगाह और जेद्दा में जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है।