केरल में सेना के जवान पर जानलेवा हमला, टेप से बांधे हाथ और पीठ पर लिख दिया PFI
मालूम हो कि पीएफआई से जुड़े लोगों को पर मनी लॉन्ड्रिंग और RSS नेताओं पर हमले की योजना बनाने समेत कई आरोप हैं। इस संगठन के पैसों के लेन-देन की जांच प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही है।
केरल के कोल्लम जिले में भारतीय सेना के जवान पर हमले की घटना सामने आई है। अज्ञात हमलावरों ने जवान की पिटाई करने के बाद उसकी पीठ पर पेंट से 'PFI' लिख दिया। इस घटना को लेकर पुलिस ने FIR दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पीड़ित आर्मी जवान का नाम शिने कुमार है। उन्होंने पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में कहा कि उनके ऊपर 6 लोगों ने हमला किया। यह घटना रविवार रात कडक्कल में उनके घर के बगल में रबर के जंगलों में हुई। कुमार ने कहा, 'हमलावरों ने मेरे हाथ को टेप से बांध दिया। मेरे साथ मारपीट की और पीठ पर हरे रंग से पीएफआई लिख दिया।'
मालूम हो कि PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन है। यह फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में है। पीएफआई से जुड़े लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग और RSS नेताओं पर हमले की योजना बनाने समेत कई आरोप हैं। इस संगठन के पैसों के लेन-देन की जांच ईडी की ओर से की जा रही है। PFI पर सऊदी अरब, यूएई समेत कई मुस्लिम देशों से हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पैसे बनाने का आरोप है। इसे लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में आए दिन जांच एजेंसियों की कार्रवाई चलती रहती है।
छुट्टियों में अपने घर आया था जवान
रिपोर्ट के मुताबिक, कडक्कल में जिस जवान पर हमला हुआ है वह छुट्टियों में अपने घर आया था। फिलहाल राजस्थान में उसकी पोस्टिंग है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) के तहत केस दर्ज किया गया है। आज ही ED ने पीएफआई से जुड़े धन शोधन के मामले में केरल में कई जगहों पर छापे मारे। पुलिस ने बताया कि राज्य के एरणाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी जारी है।
PFI पर लगा है 5 साल का प्रतिबंध
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, वायनाड और त्रिशूर जिलों में पूर्व पीएफआई नेताओं अब्दुल समद और लतीफ के घरों पर भी छापे मारे गए। सूत्रों ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन के वित्त पोषण के कथित स्रोत का पता लगाने के लिए छापे मारे गए। केंद्र सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को PFI को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत एक 'गैरकानूनी' संगठन घोषित किया था और उस पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसा समझा जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन के संबंध में जांच कर रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)