PoK जाकर अमेरिकी दूत ने कर दी बड़ी भूल, भारत को संप्रभुता के साथ खिलवाड़ मंजूर नहीं
भारत में अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी से भारतीय पत्रकारों ने ब्लोम की यात्रा पर टिप्पणी करने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को केवल नई दिल्ली और इस्लामाबाद द्वारा हल किया जा सकता है।
हाल ही में पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत ने कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का दौरा किया था। भारत को अमेरिका की ये हरकत बिल्कुल पसंद नहीं आई और कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूत की हाल ही में पीओके की यात्रा पर अमेरिका को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। भारत ने विश्व समुदाय से देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आग्रह किया है।
पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने पिछले महीने गिलगित-बाल्टिस्तान की कई दिवसीय यात्रा की थी। उन्होंने उस रणनीतिक क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। उन्होंने एक मंत्री और स्थानीय विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित कई अधिकारियों से मुलाकात की। भारत इसे अविभाजित जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बताता है।
नियमित मीडिया ब्रीफिंग में ब्लोम की गिलगित-बाल्टिस्तान यात्रा के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा: "हमने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत की उस यात्रा के बारे में अमेरिकी पक्ष के साथ अपनी चिंताओं को उठाया है।" उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इस नाते पूरे केंद्र शासित प्रदेश पर हमारी स्थिति सर्वविदित है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आग्रह करते हैं।”
इससे पहले जब भारत में अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी से भारतीय पत्रकारों ने ब्लोम की यात्रा पर टिप्पणी करने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को केवल नई दिल्ली और इस्लामाबाद द्वारा हल किया जा सकता है। हालांकि, गार्सेटी ने यह भी बताया था कि ब्लोम ने अतीत में पीओके का दौरा किया था और एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने जी20 से संबंधित बैठकों के लिए जम्मू-कश्मीर की भी यात्रा की थी।
दरअसल गार्सेटी कहना चाह रहे थे कि अमेरिकी दूत ने पीओके का दौरा किया था लेकिन उनके लोगों ने भारत की तरफ वाले कश्मीर का भी दौरा किया है। बागची ने गार्सेटी की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा, "हमें नहीं लगता कि दोनों स्थितियां समान हैं।" ज्ञात हो कि पिछले साल अक्टूबर में भी ब्लोम ने पीओके का दौरा किया था और इस क्षेत्र को बार-बार "आजाद" जम्मू-कश्मीर बताया था। इसके बाद भारत ने अमेरिका के सामने औपचारिक रूप से विरोध जताया था।