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मानव बालों के तस्कर बने BSF के लिए सिरदर्द, विग इंडस्ट्री में है भारी मांग

पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव बालों की तस्करी सीमा सुरक्षा बल (BSF) के लिए एक नया सिरदर्द बनकर सामने आई है। पिछले एक साल में बांग्लादेश में तस्करी के दौरान 400 किलो से अधिक मानव बाल...

Dheeraj Pal हिंदुस्तान टाइम्स, कोलकाताSat, 5 March 2022 01:25 PM
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पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव बालों की तस्करी सीमा सुरक्षा बल (BSF) के लिए एक नया सिरदर्द बनकर सामने आई है। पिछले एक साल में बांग्लादेश में तस्करी के दौरान 400 किलो से अधिक मानव बाल जब्त किए गए हैं। मालूम हो कि विग इंडस्ट्री में मानव बालों की भारी डिमांड है। 

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि ये सब 2021 से चल रहा है। लगभग 12 किलो की पहली खेप को फरवरी 2021 में नादिया जिले में जब्त किया गया था। 2021 में कम से कम 397 किलो मानव बाल जब्त किए गए। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक करीब 47 किलो जब्त किया जा चुका है।   

बताते चलें कि 3 मार्च को दक्षिण बंगाल के नदिया जिले के तेहट्टा में 10 बोरियों में भरे हुए करीब 38 किलो मानव बाल की नवीनतम खेप जब्त की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि देश भर से कचरा बीनने वालों द्वारा एकत्र किए गए मानव बाल एजेंटों और बिचौलियों के जरिए से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद पहुंचते हैं।

मुर्शिदाबाद हेयर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलन चौधरी ने कहा कि जिन महिलाओं के लंबे बाल होते हैं, वे नियमित रूप से कंघी करने के बाद झड़ते बालों को हटा देती हैं। कचरा बीनने वाले और बाल इकट्ठा करने वाले लोग घर-घर और शहरों में जुटाते हैं। एक बार जब वे हमारे पास पहुंच जाते हैं तो उन्हें विग में बुने जाने से पहले साफ-सुथरा किया जाता है। विग को मुख्य रूप से चीन को निर्यात किए जाते हैं।  

बता दें कि कोरोना महामारी यह इंडस्ट्री भी अछूती नहीं रही। चौधरी ने कहा कि महामारी की चपेट में आने से पहले, विग आयात करने से पहले दर्जनों चीनी आयातक गुणवत्ता की जांच करने के लिए मुर्शिदाबाद आते थे। लेकिन महामारी ने भारी तबाही मचाई और वीजा नियमों के कड़े होने के कारण उन्होंने आना बंद कर दिया।

चौधरी ने कहा कि छोटे बाल (छह इंच से कम) को संसाधित (processed) नहीं किया जाता था और आमतौर पर बांग्लादेश और म्यांमार को सस्ती दरों पर निर्यात किया जाता था।

बांग्लादेश में नौगांव, कुश्तिया, राजशाही और दिनाजपुर जैसी जगहों पर कई हेयर प्रोसेसिंग फैक्ट्रियां हैं। उनके आकार और गुणवत्ता के आधार पर प्रत्येक किलो मानव बाल 5000 रुपये से 10000 रुपये के बीच मिल सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि जहां 90 फीसदी बाल चीन भेजे गए, वहीं इसका एक छोटा हिस्सा यूएई और मलेशिया को गया। कुछ का उपयोग बांग्लादेश में स्थानीय हेयर रिप्लेसमेंट सैलून द्वारा भी किया जाता था। 

बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि 6 इंच से अधिक लंबे मानव बालों की लंबी किस्में कारखानों में भारी मांग में हैं। जबकि लंबे बालों का उपयोग महिलाओं के लिए विग और बाल एक्सटेंशन बनाने के लिए किया जाता है, छोटे का उपयोग पुरुषों और कृत्रिम खिलौनों के लिए विग बनाने के लिए किया जाता है।

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