गृह मंत्रालय ने कहा- कश्मीर में सड़कों से जवानों का काफिला गुजरता रहेगा
गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक है इसलिए यह जारी रहेगा। हालांकि, मंत्रालय ने राज्य में सैनिकों को पहुंचाने के लिए हवाई...
गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक है इसलिए यह जारी रहेगा। हालांकि, मंत्रालय ने राज्य में सैनिकों को पहुंचाने के लिए हवाई सेवाएं बढ़ाईं हैं।मंत्रालय का यह बयान पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद आया है। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार ने अर्धसैनिक बलों के जवानों को जम्मू-श्रीनगर सेक्टर से हेलीकॉप्टर के जरिये लाने लेजाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसकी पृष्ठभूमि में मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों की यात्रा का समय कम करने के लिए उसने सभी सेक्टरों में एयर कुरियर सेवाओं को काफी बढ़ा दिया है। मंत्रालय ने कहा, साजो सामान पहुंचाने तथा अभ्यासगत कारणों से अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक था और आगे भी रहेगा। सेना के साथ भी यही मामला है।
सरकार ने मीरवाइज समेत 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली
सरकार ने जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए उन्हें दी गई सभी सुरक्षा और सुविधाएं वापस लिए जाने का एक बड़ा निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार के उच्चाधिकारियों ने बताया कि अलगाववादी नेताओं मीरवाइज फारुक, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शबीर शाह को उपलब्ध सुरक्षा और वाहनों की सुविधा रविवार से वापस ले ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि अलगाववादी नेताओं को किसी भी कारणवश सरकार ने जो सुविधाएं उपलब्ध कराई है, उसे वापस ले लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अगर कोई और अलगावादी है जिसे सरकारी सुरक्षा अथवा सुविधाएं उपलब्ध है, तो प्रदेश पुलिस मुख्यालय इसकी समीक्षा करेगा और यह सुविधाएं तत्काल वापस ले ली जाएगी।
उधर, पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को कथित तौर पर दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने शनिवार को उनसे कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले उनसे संपर्क करें। 'मददगार हेल्पलाइन ने इस सिलसिले में एक ट्वीट कर कहा है कि इस समय राज्य से बाहर कश्मीरी छात्र और आम लोग उसके ट्वीटर हैंडल @सीआरपीएफ मददगार पर संपर्क कर सकते हैं।