हिमंता बिस्वा ने बताया, क्यों उद्धव ठाकरे से छिन गया शिवसेना का नाम और निशान
उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान क्यों छिन गया, इसको लेकर हिमंता बिस्वा सरमा ने एक नई थियरी दी है। असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि उद्धव संग ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह भगवान पर राजनीति कर रहे थे।
उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान क्यों छिन गया, इसको लेकर हिमंता बिस्वा सरमा ने एक नई थियरी दी है। असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि उद्धव के साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह भगवान पर राजनीति कर रहे थे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र और असम के बीच एक धार्मिक स्थल को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। यह मामला है, छठवें ज्योर्तिलिंग भीमाशंकर को लेकर, जो कि 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। असम सरकार द्वारा जारी एक विज्ञापन में ज्योर्तिलिंग भीमाशंकर को असम में बताया गया है। वहीं, महाराष्ट्र में विपक्ष ने भाजपा सरकार पर महाराष्ट्र के तीर्थस्थलों की चोरी का आरोप लगाया है। असम के मुख्यमंत्री ने अपने ताजा बयान में इसी का हवाला दिया है।
भगवान के शिव के नाम पर राजनीति न हो
हिमंता सरमा ने कहा कि भगवान शंकर हिमालय में रहते हैं। उन्हें एक निश्चित स्थान से नीचे लेकर आना ठीक नहीं है। महाराष्ट्र में विपक्ष को भगवान शिव के नाम पर राजनीति बंद कर देनी चाहिए। यही वजह है कि उद्धव गुट ने शिवसेना का नाम और निशान दोनों खो दिया। गौरतलब है कि हाल ही में चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और इसका चुनाव निशान, धनुष-बाण शिंदे गुट को दे दिया था। उद्धव ठाकरे का कहना है कि यह पार्टी उनके पिता बालासाहेब ठाकरे की बनाई हुई है, इसलिए इस पर उनका अधिकार है। वहीं, चुनाव आयोग ने इस मामले में दोनों गुटों के पास मौजूद सांसदों और विधायकों को मिले वोटों की गिनती के आधार पर यह फैसला सुनाया है।
एनसीपी-कांग्रेस के भाजपा पर आरोप
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक कुल 12 ज्योर्तिलिंग हैं। इन्हें महाज्योर्तिलिंग कहा जाता है। असम सरकार द्वारा ज्योर्तिलिंग विज्ञापन मामले में उद्धव ठाकरे ने कोई टिप्पणी नहीं की थी। वहीं, उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने भी इसे गैरजरूरी विवाद बताया था। हालांकि उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की चुप्पी पर सवाल जरूर उठाए थे। वहीं, महाविकास अघाड़ी गठबंधन में उद्धव की सहयोगी पार्टियों, एनसीपी और कांग्रेस इस मुद्दे पर खूब बोली थीं। इन दोनों ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि पहले उसने महाराष्ट्र के उद्योग-धंधे चुराए और और सांस्कृतिक स्थलों की भी चोरी कर रही है।
आखिर विवाद क्या था
हाल ही में असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया था। इस विवाद में भक्तों का छठवें ज्योर्तिलिंग, कामरूप स्थित भीमाशंकर, में स्वागत किया गया था। इस विज्ञापन में असम के मुख्यमंत्री हिमंता सरमा की तस्वीर भी लगी थी। इस विज्ञापन के सामने आने के बाद महाराष्ट्र के कई नेताओं ने भाजपा के ऊपर आरोप लगाए थे। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता सरमा ने दावा किया था कि शिवपुराण में भीमाशंकर के कामरूप में होने का जिक्र है। इस पुराण में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप और कामरूप के राजा का जिक्र है। उन्होंने आगे कहा कि शिवपुराण में यह साफ लिखा है कि भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग कामरूप में है।
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