अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर सालाना 10 करोड़ खर्च कर रही सरकार
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सभी सुविधाएं वापस ले ली हैं। हाल में एक आरटीआई के जवाब में पता चला था कि इन नेताओं की सुरक्षा पर सरकार सालाना करीब 10...
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सभी सुविधाएं वापस ले ली हैं। हाल में एक आरटीआई के जवाब में पता चला था कि इन नेताओं की सुरक्षा पर सरकार सालाना करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर रही थी। किसी के पास अकूत दौलत है तो किसी के बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं।
एक अलगाववादी की सुरक्षा में 20-25 सुरक्षाकर्मी
कश्मीर घाटी में एक अलगाववादी नेता पर औसतन 20 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
मीरवाइज उमर फारुख :
सुरक्षा पर खर्च : 5 करोड़ रुपये
शिक्षा : इस्लामिक स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी
-मीरवाइज उमर फारुख जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत सम्मेलन के दो प्रमुख गुटों में से एक अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष हैं। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, कश्मीर की 'आजादी' की मांग करने वाला सबसे बड़ा संगठन है।
-मीरवाइज को सबसे ज्यादा सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। उनकी सुरक्षा में इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी तैनात है। उनके सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर एक दशक में पांच करोड़ खर्च किए गए।
-अक्टूबर 2014 में जॉर्डन के 'रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर' ने मीरवाइज को 500 सबसे प्रभावशाली मुस्लिमों की सूची में शामिल किया था।
परिवार : शीबा मसूदी (भारतीय अमेरिकी) पेशे से डॉक्टर हैं। वे अमेरिका में रहती हैं। मीरवाइज की दो बेटियां और एक बेटा है।
आलीशान जीवनशैली :
मीरवाइज संपन्न परिवार से तालुक्क रखते हैं। उनके स्टाफ में करीब डेढ़ दर्जन कश्मीरी युवक हैं। सभी टेक्नोलॉजी फ्रेंउली हैं। घर बेहद आलीशान है। घर के चारों ओर सीसीटीवी लगे हैं। घर का फर्नीचर अखरोट की लकड़ी से बना। पूरे घर में वुडन फर्श है। हर कमरे की छत पर कश्मीरी नक्काशी है।
अब्दुल गनी बट :
सुरक्षा पर खर्च: 2.5 करोड़ रुपये
-अब्दुल गनी बट को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में फरवरी 1986 को अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों के मंदिरों और घरों को जलाने का दोषी पाया गया था। बट ने नौ माह जेल में काटने के बाद मुस्लिम संयुक्त मोर्चा नामक राजनीतिक संगठन बनाया।
-बट के भाई की हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इसके बावजूद वह कश्मीर में अलगाववाद का समर्थन करते हैं।
-बट को सरकारी सुरक्षा के नाम पर चार सुरक्षाकर्मी प्रदान किए गए हैं।
बिलाल लोन:
सुरक्षा पर खर्च : 2.5 करोड़ रुपये
-बिलाल लोन अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सदस्य हैं। वर्ष 2014 में लोन ने भाजपा से नजदीकियां बढ़ाईं। 2014 के चुनाव में भाजपा-पीडीपी गठबंधन के साथ उनकी पार्टी भी शामिल हुई थी। बिलाल, सज्जाद लोन के बड़े भाई हैं।
-सज्जाद और बिलाल जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के वरिष्ठ सदस्य थे। इस संगठन की स्थापना अलगाववादी नेता अमानुल्लाह खान ने की थी।
-सरकारी सुरक्षा के नाम पर छह से आठ पुलिसकर्मियों की गार्द के अलावा एक सिक्योरिटी वाहन भी दिया गया है।
परिवार: सज्जाद की पत्नी आसमा पाकिस्तानी नागरिक अमानुल्लाह खान की इकलौती बेटी हैं। अमानुल्लाह खान परिवार के साथ 1987 तक इंग्लैंड में रहता था, लेकिन आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात का खुलासा होने पर उसे वहां से प्रत्यर्पित कर दिया गया था।
हाशिम कुरैशी
-अलगाववादी नेता हाशिम कुरैशी जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वर्तमान में जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक लिबरेशन पार्टी के अध्यक्ष भी हैं।
-वह 1984 में तिहाड़ में फांसी पर लटकाए गए मकबूल बट के करीबी रहे हैं।
-कुरैशी ने ही 1971 में इंडियन एयरलाइस के विमान गंगा को अपने साथियों संग हाईजैक कर लाहौर में उतारा था।
-वर्ष 1969 में बहन की शादी में उनकी मुलाकात मकबूल बट से हुई और तभी जेकेएलएफ से जुड़ गए।
परिवार : श्रीनगर में जन्मे हाशिम संपन्न घराने से तालुक्क रखते हैं। परिवार में पत्नी जैबुन निसा बेग और उनके चार बच्चे हैं।
शब्बीर शाह:
अलगाववादी नेता शब्बीर शाह जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उनकी पार्टी मुख्य अलगाववादी राजनीतिक संगठनों में से एक है। पढ़ाई के दिनों से वे छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे और कई बार जेल भी गए।
-पहली बार 1968 में 14 साल की उम्र में उन्हें जेल जाना पड़ा था। शब्बीर 31 साल जेल में बिता चुके हैं।
- कश्मीर का नेल्सन मंडेला कहलाने वाले शब्बीर शाह कभी बंदूक के भी समर्थक रहे हैं।
-शब्बीर शाह को चार से छह पुलिसकर्मियों पर आधारित सुरक्षा दस्ता प्रदान किया गया था। इसके अलावा एक वाहन भी दिया गया था।
परिवार : पत्नी बिल्किस शाह और उनकी एक बेटी है। बेटी ने पिछले साल 12वीं की परीक्षा में जम्मू-कश्मीर में टॉप किया था।
खासियत : अलगाववादी नेताओं में सबसे अधिक 19 संपत्तियां, पहलगाम में 25 कमरों का आलीशान होटल। इसकी कीमत करीब 5 करोड़ है। इसके अलावा जम्मू, बोगाम, कांदीपोरा, लालपोरा में कई दुकानें और जमीन।
अलगाववादी नेताओं के बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर
मीरवाइज उमर फारुख, (हुर्रियत नेता):
अमेरिकी मूल की शीबा मसदी से निकाह। एक बेटी मां के साथ अमेरिका में रहती है। उसकी बहन राबिया फारूक अमेरिका में डॉक्टर है।
-मोहम्मद अशरफ सहराई, (हुर्रियत नेता):
कभी गिलानी का उत्तराधिकारी माना जा रहा मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा आबिद दुबई में कंप्यूटर इंजीनियर है।
-फरीदा :
महिला अलगाववादी नेता फरीदा का बेटा रूमा मकबूल दक्षिण अफ्रीका में डॉक्टर है। 2014 के चुनावों मे फरीदा को गिरफ्तार कर लिया गया था।
-अयाज अकबर, (हुर्रियत नेता):
सैय्यद अली शाह गिलानी गुट के प्रवक्ता अयाज अकबर का बेटा सरवर याकूब पुणे में रहकर मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है।