Hindi Newsदेश न्यूज़Government says Jammu and Kashmir and 9 states account for 89 percent of Covid-19 deaths

जम्मू कश्मीर और इन 9 राज्यों में कोरोना वायरस से 89 फीसदी लोगों की हुई मौत

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने केन्द्र शासित प्रदेश और नौ राज्यों से कहा है कि वे अपने यहां पर कोरोना टेस्टिंग और ट्रेसिंग को बढ़ाए ताकि कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सके। क्योंकि, पिछले...

Rajesh Kumar एचटी, नई दिल्ली।Thu, 27 Aug 2020 10:42 PM
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कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने केन्द्र शासित प्रदेश और नौ राज्यों से कहा है कि वे अपने यहां पर कोरोना टेस्टिंग और ट्रेसिंग को बढ़ाए ताकि कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सके। क्योंकि, पिछले दो हफ्तों के दौरान वहीं पर 89 फीसदी मौत के मामले सामने आए हैं।

राजीव गौबा ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बुधवार को यहां की स्थिति का आकलन किया।

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक, इन राज्यों में पिछले दो हफ्तों के दौरान 89 फीसदी मौत के मामले सामने आए हैं। पीआईबी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश को लेकर विस्तृत प्रजेंटेशन देते हुए राज्यवार आ रहे मौत के मामलों पर फोकस किया। इसके साथ ही, टेस्टिंग, कांट्रैक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस, कंटेनमेंट, होम आइसोलशन, एंबुलेंस की उपलब्धता, हॉस्पीटल बेड्स, ऑक्सीनज, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल्स को लेकर रणनीति और पहुंच को मजबूत करने की जरूरत बताई।

बुधवार को भारत में अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा 75 हजार कोरोना वायरस के नए मामले सामने आए हैं। कैबिनेट सचिव ने राज्यों को यह सुझाव दिया कि वे ‘प्रभावी कंटेनमेंट, कांट्रैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस को शुरू करें।’ उन्हें आगे कहा गया कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि 80 प्रतिशत नए केसों में सभी नजदीकी कांट्रैक्ट को पहचान कर उसका 72 घंटे के अंदर टेस्ट करें।

राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे जिलों में प्रति दस लाख पर रोजाना 140 टेस्ट सुनिश्चित करें जबकि 5 प्रतिशत से अधिक की दर से कंटेनमेंट जोन में सकारात्मकता को लक्षित करते हुए टेस्ट करें। उन्हें यह भी कहा गया है कि बेड्स की उपलब्धता और एंबुलेंस के बारे में सूचना साझा करें और संवेदनशील मरीजों पर फोकस कर साप्ताहिक तौर पर हर स्वास्थ केन्द्र पर मृत्युदर की निगरानी करें।

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