केंद्र सरकार अपने 8000 कर्मचारियों को प्रमोशन देने के लिए तैयार, आरक्षण की भी मिलेगा लाभ
प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों के मामले में उन्हें सात दिनों (कार्य दिवस) के भीतर अपनी इच्छा प्रस्तुत करके और आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट करके प्रमोशन प्राप्त करने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों को प्रमोशन में आरक्षण देने सहित 8,089 अधिकारियों को प्रमोट करने के लिए तैयार है। इस मामले से परिचित अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। प्रमोशन में से कुल 1,734 पद प्रमोशन में आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते हैं, जबकि 5,032 अनारक्षित हैं। सरकार ने एससी श्रेणी में 727 और एसटी श्रेणी में 207 प्रमोशन करने का फैसला किया है। 389 पदों के लिए विवरण प्राप्त नहीं हो सका।
इनमें से कई नियमित प्रमोशन छह साल से अधिक समय से लंबित थे। अधिकारियों ने इसकी लगातार मांग की थी। प्रमोशन में आरक्षण सरकार में अवर सचिव के पद तक लागू होता है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने गुरुवार को कई आदेश जारी किए। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा, "कई आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जबकि अन्य प्रक्रिया में हैं।"
केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) में लगभग 4,734 अधिकारियों को नियमित प्रमोशन मिलने वाली है। इनमें 1,757 से अधिक अधिकारी शामिल। 1,472 से अधिक अनुभाग अधिकारियों को अवर सचिव के पद पर प्रमोट किया जा रहा है, जो 2015 से लंबित है। उप सचिव रैंक पर 327 और निदेशक स्तर पर 1,097 अधिकारियों को प्रमोशन मिलेगा।
केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा में 2,966 अधिकारियों को प्रमोट किया जाएगा। वहीं, केंद्रीय सचिवालय लिपिक सेवा के 389 अधिकारियों को प्रमोट किया जाना तय है।
डीओपीटी ने कहा, "अनुबंध में बताए गए सभी अधिकारी जो इस आदेश की तारीख तक सेवा में हैं, उन्हें संबंधित मंत्रालयों/विभागों में रखा जाता है, जहां वे वर्तमान में अगले आदेश तक ग्रेड में नियमित प्रमोशन पर तैनात हैं।" आदेश में कहा गया है, "किसी भी वर्ष के लिए चयन सूची में शामिल और अभी भी अवर सचिव का पद धारण करने वाले अधिकारियों को उप सचिव के पद का कार्यभार ग्रहण करना आवश्यक है। उनकी नियमित नियुक्ति केवल उसी तिथि से प्रभावी होगी।"
वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों के मामले में उन्हें सात दिनों (कार्य दिवस) के भीतर अपनी इच्छा प्रस्तुत करके और आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर सीएसआई प्रभाग को रिपोर्ट करके प्रमोशन प्राप्त करने के लिए कहा गया है।
आपको बता दें कि केंद्रीय सचिवालय के अधिकारी और सीएसएस फोरम पिछले कई सालों से प्रमोशन में हो रही देरी का विरोध कर रहे हैं। अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने फरवरी में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। उनके साथ प्रमोशन के साथ-साथ अन्य सेवा मामलों पर भी चर्चा की।
इस साल अप्रैल में सरकार ने सभी मंत्रालयों को सभी स्तरों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व पर डेटा एकत्र करना शुरू करने के लिए कहा था। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, इन समूहों के लिए प्रमोशन में आरक्षण को लागू करने में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है।
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