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हिमाचल की बाढ़ से पंजाब तक मार, उतारनी पड़ी सेना; 35 साल बाद गांवों में इतना पानी

एक दिन के अंदर ही गुरदासपुर के 69 और गांव पानी में डूब गए हैं। अब तक करीब 4000 लोगों को प्रशासन निकाल चुका है। गुरदासपुर जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक सरकारी और निजी स्कूलों की छुट्टी कर दी है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Thu, 17 Aug 2023 12:32 PM
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हिमाचल की बाढ़ से पंजाब तक मार, उतारनी पड़ी सेना; 35 साल बाद गांवों में इतना पानी

हिमाचल प्रदेश में बीते कई दिनों से चल रही भारी बारिश ने पंजाब तक में हालात बिगाड़ दिए हैं। शिमला, मंडी समेत हिमाचल के कई जिलों में भारी भूस्खलन हुआ है, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस बीच हिमाचल से लगते पंजाब के तीन जिलों होशियारपुर, गुरदासपुर और रूपनगर में भी बाढ़ की स्थिति है। इन तीनों जिलों के बड़े हिस्से में पानी भर आया है। भाखड़ा नंगल और पोंग बांध से आए पानी से गांव जलमग्न हैं। हिमाचल में भीषण बारिश के चलते दोनों ही बांधों में तय सीमा से कहीं ज्यादा पानी हो गया था, जिसके बाद फ्लडगेट खोल दिए गए। अचानक दरवाजे खोलने से पंजाब के सीमांत इलाकों में पानी भर गया। 

इन बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास और सतलुज नदियों में पानी का स्तर काफी ऊंचा हो गया है। भाखड़ा नंगल बांध सतलुज नदी पर बना है और पोंग बांध ब्यास पर बना है, दोनों ही हिमाचल में हैं। इन बांधों से पानी छोड़े जाने से हालात इतने गंभीर हैं कि एक दिन के अंदर ही गुरदासपुर के 69 और गांव पानी में डूब गए हैं। अब तक करीब 4000 लोगों को प्रशासन निकाल चुका है। गुरदासपुर जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक सरकारी और निजी स्कूलों की छुट्टी कर दी है। इसके अलावा रूपनगर में भी 17 और 18 अगस्त को स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का फैसला हुआ है। 

गांवों से बड़ी संख्या में लोग कंधों पर सामान लादे सुरक्षित स्थानों पर जाते देखे जा सकते हैं। हालात इतने विकट हो गए हैं कि सेना, एनडीआरएफ और बीएसएफ को भी बचाव कार्य में लगाया गया है। यहां तक कि साधन संपन्न स्थानीय लोग भी पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सामान भरकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने रिलीफ कैंप बनाए हैं। हिमाचल के ऊना और कांगड़ा जिले से सटे होशियापुर के मुकेरियां, टांडा, दयुआ और तलवाड़ा जैसे ब्लॉकों में खेत-खलिहान, सड़कें और गांव तक जलमग्न हैं। 

रास्ते तक बंद, गांवों में भरा पानी; चारे तक की किल्लत

मुकेरियां ब्लॉक के मोटला, मियानी मलाहा, कोलियां, सिंबली और मेहताबपुर जैसे गांवों में बेहद खराब हालात हैं। गांव के लोगों का कहना है कि 1988 के बाद से पहली बार ऐसी बाढ़ का सामना करना पड़ा है। हालात यह हैं कि मुकेरियां से गुरदासपुर को बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक अब पठानकोट के रास्ते गुरदासपुर के लिए डायवर्ट किया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोम प्रकाश ने गांवों का दौरा किया है और पीड़ितों को मदद का भरोसा दिलाया है। मेहताबपुर के रहने वाले एक ग्रामीण तरसेम सिंह नंबरदार ने कहा कि हमारे यहां हालत बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि गांव के सारे रास्ते पानी में डूब गए हैं। घरों तक में पानी भर गया है। 

1988 के बाद पहली बार इतनी बारिश, और बढ़ेगा संकट

उन्होंने कहा कि 1988 के बाद पहली बार ऐसी बाढ़ का सामना करना पड़ा है। पूरी फसल तबाह है और घरों के अंदर 4 से 5 फुट तक पानी भर गया है। पशुओं के लिए चारे तक की किल्लत हो गई है। इस बीच सीएम भगवंत मान का कहना है कि हम नजर रखे हुए हैं। राहत और बचाव अभियान निरंतर चल रहा है। यह बाढ़ इसलिए भी चिंता की बात है कि अगले 4 से 5 दिन संकट और बढ़ सकता है। पोंग और भाखड़ा डैम का प्रबंधन करने वाले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का कहना है कि अगले 4 से 5 दिन तक हम नियंत्रित तरीके से पानी रिलीज करते रहेंगे।

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