क्या कुछ पूर्व SC जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं? किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
रिजिजू ने हाल ही में दावा किया था कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ पूर्व न्यायाधीश भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं। जब उनसे संसद में यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने क्या जवाब दिया।

संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्रालय को समय-समय पर सेवारत और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के बारे में शिकायतें मिलती रहती हैं, लेकिन इसका संबंध केवल उच्च न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति और सेवा शर्तों से है। रिजिजू ने हाल ही में दावा किया था कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ पूर्व न्यायाधीश भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं। जब उनसे संसद में यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने क्या जवाब दिया।
गुरुवार को राज्यसभा में कानून मंत्री किरेन रिजिजू से सवाल पूछा गया कि उनकी नजर में सुप्रीम कोर्ट के कुछ पूर्व न्यायाधीश भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं? हाल ही में रिजिजू ने यह दावा किया था। सवाल में उनसे सूचना के उस स्रोत का खुलासा करने के लिए भी कहा गया। यह भी पूछा गया कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया था?
खुद के दावों पर जवाब नहीं दे पाए
लिखित उत्तर में रिजिजू ने चार प्रश्नों का सीधा जवाब नहीं दिया। जबकि हिन्दी में उन्होंने सिर्फ 'जी नहीं' कहकर उत्तर दिया। रिजिजू ने राज्यसभा को जानकारी दी, "समय-समय पर, न्याय विभाग (कानून मंत्रालय में) में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के साथ-साथ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त होती हैं। हालांकि ये शिकायतें सिर्फ सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीशों की नियुक्ति और सेवा शर्तों से संबंधित है।"
उन्होंने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से संबंधित शिकायतों को न्याय विभाग द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
रिजिजू ने कहा कि उच्च न्यायपालिका में जवाबदेही "इन-हाउस तंत्र" के माध्यम से बनाए रखी जाती है। उन्होंने याद करते हुए कहा कि 7 मई, 1997 को अपनी पूर्ण अदालत की बैठक में सुप्रीम कोर्ट ने दो प्रस्तावों को अपनाया था- एक न्यायिक जीवन के मूल्यों की बहाली से संबंधित और दूसरा अन्य न्यायिक जीवन के सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत मूल्यों का पालन नहीं करने वाले न्यायाधीशों के खिलाफ उपयुक्त उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए आंतरिक प्रक्रिया।
उच्च न्यायपालिका के लिए स्थापित "इन-हाउस तंत्र" के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के आचरण के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करने के लिए सक्षम हैं। इसी तरह, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों के आचरण के खिलाफ शिकायतें प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, "न्याय विभाग द्वारा प्राप्त शिकायतों को उचित कार्रवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश या संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश को भेजा जाता है।"
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