आलोचनाओं पर सरकार का जवाब- 2020 से ही वैक्सीनेशन और ऑक्सीजन की आपूर्ति पर काम कर रहा विशेषज्ञ समूह
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में वैक्सीन की कमी और ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच सरकार ने कहा है कि वह इस पर साल 2020 से ही काम कर रही थी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मंगलवार को देश में...
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में वैक्सीन की कमी और ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच सरकार ने कहा है कि वह इस पर साल 2020 से ही काम कर रही थी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मंगलवार को देश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान बैठक में शामिल एक सदस्य ने बताया कि विशेषज्ञ समूह अप्रैल 2020 और अगस्त 2020 से टीकाकरण और ऑक्सीजन की आपूर्ति पर काम कर रहा है। यह बयान ऐसे समय आया है जब केंद्र सरकार पर आरोप लग रहा है कि उसने पहले से ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं की।
सितंबर 2020 में संक्रमण बढ़ने पर ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी। इसके बाद हमने ऑक्सीजन आपूर्ति को एक हजार मीट्रिक टन से बढ़ाकर तीन हजार मीट्रिक टन कर दिया था। हालांकि फरवरी 2021 में ऑक्सीजन की मांग में एक हजार मीट्रिक टन की कमी आ गई थी। लेकिन अप्रैल के महीने में बढ़ती मांग को देखते हुए हमने आठ हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की।
बैठक में टीकाकरण को लेकर दुष्प्रचार पर चिंता व्यक्त करते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने उल्लेख किया कि खरीदे गए सभी टीके, केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा, वास्तव में राज्यों की जनता के लिए हैं और केंद्रीय स्तर पर कोई उपभोग नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 33वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए गौबा ने सूचित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में टीके के विकास व उत्पादन के लिये अप्रैल 2020 में विशेषज्ञों का एक समूह गठित किया था और बाद में अगस्त 2020 में टीकों के वितरण के लिये विशेषज्ञों का एक और समूह गठित किया था।
विशेषज्ञों के परामर्श पर प्राथमिकता समूहों की पहचान की गई थी और इन प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण के लिये भारत सरकार ने मुफ्त में राज्यों को टीकों की आपूर्ति की थी। बता दें कि भारत में अभी कोरोना वायरस के लगातार तीन से चार लाख के बीच में मामले सामने आ रहे हैं।