चक्रवात का डबल अटैक, 'तेज' के साथ बंगाल की खाड़ी में बन रहा 'हमून' तूफान
मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में भी कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। ऐसे में 24 अक्टूबर तक यह भी चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। वहीं तेज अरब सागर में बन चुका है।

चक्रवाती तूफान 'तेज' अरब सागर में भयंकर रूप ले रहा है। गौर करने वाली बात है कि इस बार यह चक्रवात अकेला नहीं है बल्कि इसके साथ ही 'हमून' तूफान भी आकार ले रहा है। यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बन रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक साउथवेस्ट अरब सागर से उठा तेज चक्रवात रविवार तक भयंकर तूफान में तब्दील हो सकती है। उम्मीद है कि यह ओमान और यमन के तट की ओर बढ़ने वाला है। वहीं हमून चक्रवात आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ सकता है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को ही बतताया था कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। कहा गया था कि 23 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी में यह तूफान का रूप ले सकता है। अगर यह तूफान बनता है तो इसका नाम हमून होगा। स्काइमेट का कहना है कि 24 अक्टूबर तक कन्फर्म होगा कि यह कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में तब्दील होगा या नहीं।
2018 के बाद पहली बार हो रहा है जब भारत के पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ के सागरों से तूफान साथ में ही उठ रहे हैं। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि तेज चक्रवात काफी तबाही करने वाला हो सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल अरब सागर में उठने वाला यह दूसरा चक्रवाती तूफान है। मौसम विज्ञानियों ने यह भी चेतावनी दी है कि तूफान पूर्वानुमानित रास्ते से भटक भी सकता है। बिपरजॉय तूफान के मामले में ऐसा ही हुआ था। यह पहले उत्तर पश्चिम की तरफ चला लेकिन फिर पाकिस्तान में कराची की ओर मुड़ गया।
मौसम विभाग का कहना है कि अरब सागर के तेज चक्रवात का ज्यादा असर भारत पर पड़ने वाला नहीं है। गुजरात में इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यहां का मौसम शुष्क बना रहेगा। इसका असर अरब देशों पर ज्यादा पड़ेगा। हालांकि मौसम विभाग ने मुछआरों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। बिपरजॉय ने गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र में तबाही मचाई थी।