गुटखा नहीं बेचोगे, सुप्रीम कोर्ट ने जहर देने के आरोपी को एक शर्त पर दी अग्रिम जमानत
Supreme Court: सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच कर रही थी। उन्होंने बॉम्बे HC के फैसले को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने जनवरी में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
जहर देने के मामले में महाराष्ट्र के व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है। हालांकि, खास बात इस जमानत की शर्तें हैं, जिसमें भारत के शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि याचिकाकर्ता कभी गुटखा नहीं बेचेगा। साथ ही ऐसा करते पाए जाने पर कार्रवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में एडवोकेट यतिन एम जगताप और सुनील कुमार शर्मा पेश हुए थे।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच कर रही थी। उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने जनवरी में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा 188 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट के कई प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने आदेश दिया, 'यह शर्त लगाना उचित समझ आता है कि, मैं अभिजीत जितेंद्र लोलागे वचन देता हूं कि गुटखा यानी पान मसाला के साथ तंबाकू का कारोबार नहीं करूंगा।' कोर्ट ने यह भी कह दिया कि अगर अगर अपीलकर्ता अभिजीत जितेंद्र लोलागे जमानत की शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो अभियोजन पक्ष जमानत रद्द करने की मांग कर सकता है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोर्ट में एडवोकेट अभिकल्प प्रताप सिंह, सिद्धार्थ धर्माधिकारी, आदित्य अनिरुद्ध पांडे, भारत बगला, सौरव सिंह, यामिनी सिंह, आदित्य कृष्ण और अनूप राज पेश हुए थे।