Hindi Newsदेश न्यूज़Delhi High Court seeks govt response on plea by 2 same sex couples seeking to legalise their marriage

समलैंगिक विवाह की अनुमति देने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

विशेष विवाह कानून के तहत शादी की अनुमति देने की मांग को लेकर दो महिलाओं की ओर से दाखिल याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। पिछले 8 साल से साथ रह रही दोनों...

Shankar Pandit प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीWed, 14 Oct 2020 06:12 PM
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विशेष विवाह कानून के तहत शादी की अनुमति देने की मांग को लेकर दो महिलाओं की ओर से दाखिल याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। पिछले 8 साल से साथ रह रही दोनों महिलाओं ने कहा है कि वे एक दूसरे से प्यार करती हैं और साथ मिलकर जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हैं। याचिका में कहा है कि मगर वे विवाह नहीं कर सकतीं, क्योंकि दोनों महिला हैं। उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर भी केंद्र व दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें एक समलैंगिक पुरुष जोड़े ने शादी की पंजीकरण करने का आदेश देने की मांग की है। दोनों ने अमेरिका में विवाह किया था लेकिन समलैंगिक होने के कारण भारतीय वाणिज्य दूतावास ने विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 के तहत उनकी शादी का पंजीकरण नहीं किया।

जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और आशा मेनन की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी और अधिवक्ता अरुंधति काटजू व अन्य ने पीठ के समक्ष दलीलें पेश कीं। विवाह की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका करने वाली दोनों महिलाओं (47 और 36 वर्ष की) ने कहा है कि सामान्य विवाहित जोड़े के लिए जो बातें सरल होती हैं, जैसे- संयुक्त बैंक खाता खुलवाना, परिवार स्वास्थ्य बीमा लेना आदि, उन्हें इसके लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।

याचिका में कहा गया है कि विवाह सिर्फ दो लोगों के बीच बनने वाला संबंध नहीं है, यह दो परिवारों को साथ लाता है। उन्होंने कहा कि इससे कई अधिकार भी मिलते हैं। विवाह के बगैर याचिका दाखिल करने वाले कानून की नजर में अनजान लोग हैं। याचिका में कहा है कि संविधान का अनुच्छेद 21 के तहत अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने के अधिकार की रक्षा करता है और यह अधिकार विषम-लिंगी जोड़ों की तरह ही समलैंगिक जोड़ों पर भी पूरी तरह लागू होता है। दोनों महिलाओं ने न्यायालय से सरकार को समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देने वाले विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने का आदेश देने की मांग की है।

साथ ही यह भी कहा है कि अदालत यह घोषणा करे कि विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधान सभी जोड़ों पर लागू होते हैं, चाहे उनकी लैंगिक पहचान और सेक्सुअल ओरिएंटेशन कुछ भी हो। याचिका में उन्होंने कालकाजी के एसडीएम को कानून के तहत उनका विवाह पंजीकृत करने का आदेश देने की भी मांग की है। उच्च न्यायालय समलैंगिक विवाह को हिन्दू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत मान्यता देने की मांग को लेकर पहले से भी एक जनहित विचाराधीन है।

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