दिल्ली हाई कोर्ट से उद्धव ठाकरे को झटका, चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
दिल्ली हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। विवाद की वजह से चुनाव आयोगन ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न फ्रीज कर दिया था।
दिल्ली हाई कोर्ट से उद्धव ठाकरे को झटका लगा है। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ठाकरे ने चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसके तहत शिवसेना का नाम और चुनाव निशान धनुष-बाण फ्रीज कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग चुनाव चिह्न और पार्टी का आवंटित करने का कार्य जल्द पूरा करे।
उद्धव ठाकरे ने अपनी याचिका में कहा था कि वह 30 वर्षों से पार्टी को चला रहे हैं। लेकिन चुनाव आयोग के आदेश खी वजह से वह अपने पिता के दिए हुए नाम और चुनाव निशान का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग के इस फैसले की वजह से पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों पर विराम लग गया है। कोर्ट में पेश होने के बाद उद्धव के वकील ने कहा था कि मामला बनने तक चुनाव आयोग निशान फ्रीज नहीं कर सकता था।
बता दें कि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट और ठाकरे गुट में विवाद के बाद कहा था कि अंतिम निर्णय लिए जाने तक कोई भी गुट शिवसेना के नाम और चुनाव निशान धनुष और बाण का उपयोग नहीं कर सकेगा। इसके बाद अंधेरी ईस्ट में उपचुनाव होना था। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों ही गुटों से तीन-तीन विकल्प मांगे थे। अंत में चुनाव आयोग ने मानकों को ध्यान में रखते हुए दोनों ही गुटों को नए नाम और चुनाव निशान दिए थे।
उद्धव ठाकरे को मशाल का निशान दिया गया था और एकनाथ शिंदे के गुट को ढाल और तलवार का निशान। महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल के बाद से ही शिंद और उद्धव गुट में टकराव की स्थिति बनी हुई है। मंगलवार को भी एक अभिनंदन समारोह के दौरान दोनों ही धड़ों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
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