2000 करोड़ में खरीदा पार्टी का निशान, दिल्ली हाई कोर्ट में दावे से पलटे संजय राउत
संजय राउत ने दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि शेवाले ने उनपर मानहानि का केस करके केवल आवाज दो दबाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि ऐसा दावा कभी नहीं किया गया कि चुनावआयोगन ने 2 हजार करोड़ रुपये लिए हैं।
मानहानि मामले में संजय राउत ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि इस तरह के झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (UTB) के नेताओं के खिलाफ भी साजिश की जा रही है। बता दें कि फरवरी में संजय राउत ने दावा किया था कि शिवसेना का नाम और निशान पाने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा था कि पैसे के दम पर चुनाव आयोग के फैसले को भी खरीद लिया गया।
शेवाले ने कहा था कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उनकी पार्टी के खिलाफ झूठे भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। इसके बाद 28 मार्च को जस्टिस प्रतीक जालान ने याचिका स्वीकार कर ली और उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत को समन जारी कर दिया। 13 अप्रैल को दाखिल किए गए जवाब में कहा गया, मानहानि का मुकदमा करके केवल हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। एकनाथ शिंदे गुट के लोग ताकत और पद पाने के लिए पैसे खर्च करने को तैयार रहते हैं।
उन्होंने कहा, राउत ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिसमें कहा गया हो कि चुनाव आयोग ने 2 हजार करोड़ रुपये लिए हैं। बल्कि यह कहा गया कि 17 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने जो भी फैसला सुनाया वह एकनाथ शिंदे के पक्ष में था और असंवैधानिक था। विधानसभा के बहुमत के आधार पर फैसला सुनाया गया जबकि संगठन की बात करें तो बहुमत उद्धव ठाकरे के पास था। इसलिए चुनाव आयोग का फैसला केवल उन 40 विधायकों के बुनियाद पर सुनाया गया जिन्होंने विद्रोह किया था।
इस जवाब में कहा गया कि राउत ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था। अगर उन्होंने कोई आरोप लगया है तो उन्हें इसे साबित करने का वक्त दिया जाना चाहिए। वहीं इसमें कहा गया कि शेवाले ने सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया है। न्यायलय में अभी यह मामला लंबित है कि किसी संवैधानिक संस्थान को लेकर मानहानि का केस किया जा सकता है या नहीं।
राउत ने कहा कि शेवाले यह नहीं साबित कर पाए हैं कि उनका कोई भी बयान झूठा था और उससे उनकी छवि धूमिल हो पाई है। बता दें कि संजय राउत ने जब 2000 करोड़ वाली बात का दावा किया था तो उन्होंने यह भी कहा था कि जल्द ही सबूत भी पेश किए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि एक बिल्डर ने यह जानकारी दी है। उन्होने कहा था कि चुनाव आयोग ने जिस तरह से एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना कहा है, यह न्याय नहीं बल्कि सौदा है। बता दें कि 17 फरवरी को चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया था।
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