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Cyclone Vayu: दिखने लगा वायु का खौफनाक मंजर, 165 kmph की रफ्तार से आएगा चक्रवात वायु, अलर्ट पर गुजरात

इस साल फोनी तूफान के बाद अब एक और तूफान वायु दस्तक देने को तैयार है। अरब सागर के मध्य पूर्वी क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बने हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवात 'वायु...

लाइव हिन्दुस्तान टीम अहमदाबादWed, 12 June 2019 05:35 PM
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इस साल फोनी तूफान के बाद अब एक और तूफान वायु दस्तक देने को तैयार है। अरब सागर के मध्य पूर्वी क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बने हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवात 'वायु गुजरात में दस्तक देने को है, जिसकी बानगी तेज हवाओं के झोंके से दिखने लगी है। माना जा रहा है कि फोनी तूफान की तरह ही इसका विकराल रूप देखने को मिल सकता है। हालांकि, यह तूफान कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा हम कर्नाटक से आए दृश्य से लगा सकते हैं। मगर सरकारें इसके लिए तैयार दिख रही हैं। चक्रवात 'वायु के 'बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाने के कारण महाराष्ट्र में मुंबई और पड़ोस के कुछ तटीय इलाकों में बुधवार सुबह तेज हवाएं चलीं। इतना ही नहीं, गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास आंधी-तूफान देखने को मिला। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात की गंभीर स्थिति को अद्यतन करते हुए कहा है कि चक्रवात पड़ोसी राज्य गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों की ओर लगातार बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि 'चक्रवात वायु' बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसके कारण बृहस्पतिवार सुबह 145 से 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चलेगी। मौसम विभाग ने एक बयान जारी करके बताया कि यह वेरावल के निकट तट पर 13 जून की सुबह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर पहुंचेगा और इस दौरान 145 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। 

भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी तट पर रह रहे लोगों को एहतियाती तौर पर निकालने में आईएएफ की मदद करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें गुजरात पहुंचनी शुरू हो गई है। आईएमडी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण अरब सागर में तेज लहरें उठ रही हैं जो तटीय इलाकों की ओर बढ़ रही हैं।

महाराष्ट्र में समुद्री लहरों का दिखा विकराल रूप:
महाराष्ट्र के सिंधदुर्ग जिले की मालवन तहसील के देवबाग गांव में बुधवार को भारी समुद्री लहरों ने तबाही मचा दी। जिला कलेक्ट्रेट के एक अधिकारी ने बताया कि देवबाग के निचले इलाके में स्थित रहने के कारण यह अक्सर समुद्र में लहर उठने पर जलमग्न हो जाता है। उन्होंने बताया कि अभी तक स्थिति नियंत्रण में है।

सुरक्षित रहने के लिए चक्रवात पर मिलने वाली जानकारी का अनुसरण करते रहें: प्रधानमंत्री
चक्रवात 'वायु के गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ की ओर बढ़ने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोगों को सुरक्षित रहने के लिए स्थानीय एजेंसियों द्वारा मुहैया कराई जा रही जानकारी का अनुसरण करते रहने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा है, ''चक्रवात वायु से प्रभावित होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा और हित के लिए प्रार्थना करता हूं। सरकार और स्थानीय एजेंसी जानकारी मुहैया करा रही हैं, जिसका मैं प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों से अनुसरण करने का अनुरोध करता हूं।

पश्चिम रेलवे ने तटीय गुजरात इलाके में ट्रेनें निरस्त कीं
पश्चिम रेलवे ने गुजरात के तटीय इलाकों से गुजरने वाली कुछ रेलों को चक्रवात 'वायु से प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर निरस्त करने या फिर उनकी यात्रा बीच में ही समाप्त करने का फैसला किया है। पश्चिम रेलवे ने एक बुलेटिन में कहा कि इस रेलवे की वेरावल, ओखा, पोरबंदर, भावनगर, भुज और गांधीधाम स्टेशन तक जाने वाली सभी पैसेंजर और मेल ट्रेनें बुधवार शाम छह बजे से शुक्रवार सुबह तक या तो रद्द रहेंगी अथवा उन्हें बीच में ही समाप्त कर दिया जायेगा।

इसमें कहा गया है कि पश्चिम रेलवे गांधीधाम, भावनगर पारा, पोरबंदर, वेरावल और ओखा से विशेष रेल चलायेगा ताकि इन इलाकों से लोगों को निकाला जा सके। पश्चिम रेलवे ने कहा कि छह से दस डिब्बों वाली ये विशेष ट्रेनें निकटतम सुरक्षित स्टेशनों पर रोकी गई हैं ताकि उन्हें आपात स्थिति में भेजा जा सके।
     
ओडिशा ने गुजरात को हर तरह की मदद की पेशकश की:
चक्रवात 'वायु के गुजरात तट की ओर बढ़ने के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने गुजरात सरकार को हर तरह की मदद की बुधवार को पेशकश की है जिसने चक्रवात को देखते हुए सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि गुजरात के मुख्य सचिव जे. एन. सिंह ने ओडिशा के अपने समकक्ष ए. पी. पाधी से फोन पर बात की और युद्ध-स्तर पर चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए ओडिशा से सलाह मांगी।
    
'वायु के निकट आने के मद्देनजर गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को हटाने का अभियान आरंभ:

चक्रवात 'वायु के गुजरात की ओर बढ़ने के मद्देनजर राज्य सरकार ने सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों से करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। मौसम के बारे में ताजा सूचना के अनुसार चक्रवात ''बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और यह गुजरात के वेरावल तट के करीब 340 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

राज्य सरकार ने बताया कि चक्रवात से कच्छ, मोरबी, जामनगर, जूनागढ़, देवभूमि-द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, अमरेली, भावनगर और गिर-सोमनाथ जिले प्रभावित हो सकते हैं। उसने बताया कि इन 10 जिलों के निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने लोगों से की अपील:
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को लोगों से अपील की थी कि वे इस बचाव अभियान में सहयोग करें ताकि चक्रवात के कारण जान का नुकसान नहीं हो। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मंगलवार देर रात कहा कि जिला प्रशासन ने निचले इलाकों या तट के समीप रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना आरंभ कर दिया है। ''हम इन 10 जिलों के करीब 400 गांवों में रह रहे करीब 2.91 लाख लोगों को स्थानांतरित करेंगे।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल कंपनियां जुटीं:     
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की करीब 36 कंपनियां स्थानीय प्रशासन की मदद कर रही हैं। कुमार ने बताया कि इन 10 जिलों में स्कूल, कॉलेजों और आंगनवाड़ियों में 12 और 13 जून को एहतियातन छुट्टी घोषित कर दी गई है। तटरक्षक, थलसेना, नौसेना, वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को हाई अलर्ट कर दिया गया है।

अमित शाह ने मंगलवार को की बैठक:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। एक अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, सेना और वायु सेना की इकाइयों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा गया है और निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर हवाई सुरक्षा के लिए अभियान चला रहे हैं।

एक रक्षा प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि सेना ने गुजरात के तटवर्ती इलाकों में 10 टुकड़ियां तैनात की हैं। उसने 24 टुकड़ियों को तैयार रहने को कहा है और वे बचाव एवं राहत अभियान संचालित करने के लिए तैयार हैं। हर टुकड़ी में करीब 70 जवान हैं।
    

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