नूंह हिंसा के पीछे मेवात के साइबर अपराधी, यात्रा से कोई कनेक्शन नहीं; हरियाणा सरकार की जांच से मिले संकेत
31 जुलाई को जब नूंह में हिंसा भड़की तो गुंडों ने सबसे पहले एक साइबर पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया और सबूत नष्ट कर दिए। मेवात साइबर अपराधियों को पनाह देने के लिए कुख्यात हो गया था।
हरियाणा सरकार ने गुरुवार को कहा कि नूंह हिंसा की प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि धार्मिक जुलूस पर "पूर्व नियोजित हमले" के मुख्य साजिशकर्ताओं में साइबर अपराधियों का गिरोह शामिल था। सरकार का कहना है कि राज्य पुलिस ने मेवात के साइबर ठगों के खिलाफ छापा मारा था और पूरे भारत में साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया था। ये अपराधी इसी का बदला लेना चाहते थे। पुलिस एक्शन से बौखलाया यह गिरोह जवाबी कार्रवाई के लिए बेचैन था। 31 जुलाई को जब नूंह में हिंसा भड़की तो अपराधियों ने सबसे पहले एक साइबर पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया और सबूत नष्ट कर दिए। पुलिस का कहना है कि मेवात साइबर अपराधियों को पनाह देने के लिए कुख्यात हो गया था। इसके बाद 27-28 अप्रैल की रात को हरियाणा पुलिस ने नूंह के 14 गांवों में छापेमारी की थी।
बड़ी संख्या में संदिग्ध हैकरों को हिरासत में लिया गया
इस छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध हैकरों को हिरासत में लिया गया और करीब 100 आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। हरियाणा पुलिस के दावों के अनुसार, नूंह जिले में साइबर ठगों पर इन छापों के परिणामस्वरूप, देश भर में 100 करोड़ रुपये की अखिल भारतीय साइबर धोखाधड़ी और इन अपराधियों से जुड़े लगभग 28,000 मामलों का पता लगाया गया था।
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस-गृह) टीवीएसएन प्रसाद ने नूंह सहित हिंसा प्रभावित जिलों की स्थिति के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए पूछा, "नूंह में साइबर पुलिस स्टेशन पर हुए हमले से किसे फायदा हुआ? साइबर पुलिस स्टेशन पर पहले हमला क्यों किया गया? साइबर पुलिस स्टेशन पर हमले और धार्मिक यात्रा के बीच क्या संबंध है?"
अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया
सरकारी अधिकारी ने कहा कि नूंह हिंसा और साइबर अपराधियों के खिलाफ राज्य सरकार के हालिया बड़े एक्शन के बीच एक स्पष्ट संबंध था। पुलिस ने 150 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था, ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया था और अपराधियों द्वारा किए गए 70 से अधिक अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया था। गुरुवार तक पुलिस ने पांच जिलों में हिंसा के लिए 93 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें नूंह: 46, फरीदाबाद: 3, गुरुग्राम: 23, रेवाड़ी: 3, पलवल में 18 FIR शामिल हैं। 176 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 78 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव के अनुसार, घटनाओं की चेन स्पष्ट रूप से हिंसा और साइबर ठगों के गिरोह के भंडाफोड़ के बीच एक अलग पैटर्न का संकेत देती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने साइबर अपराधियों और ड्रग तस्करों आदि के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। उन्होंने कहा, ''हमारा किसी स्थान को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वहां (मेवात) संगठित एटीएम और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी हो रही है...यह सार्वजनिक जानकारी है। हम तथ्यों को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।" प्रसाद ने कहा कि जब नूंह में हिंसा भड़की तो पहला हमला साइबर पुलिस स्टेशन पर हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी से सटे हिंसा प्रभावित क्षेत्र से साइबर अपराध में शामिल होने के आरोप में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और ऐसे गिरोह के अपराधियों ने ही जवाबी कार्रवाई की है।
हिंसा और यात्रा के बीच कोई संबंध नहीं
एसीएस (गृह) ने कहा कि हिंसा और यात्रा के बीच कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर बृज मंडल धार्मिक यात्रा से संबंधित कोई मुद्दा था, तो यह पहली बार नहीं हुआ है, यह उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद तीसरी बार हो रहा था। दिसंबर में नूंह में एक और शौर्य यात्रा का आयोजन हुआ था। उन्होंने कहा कि शांति समितियों के रूप में एक संस्थागत तंत्र है जिसमें विभिन्न समुदायों के प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं जो इस यात्रा को देखते हैं। यात्रा से पहले दोनों पक्षों की बैठक हुई थी और यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने का आश्वासन देते हुए प्रशासन को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया था। हालांकि, एसीएस ने कहा, यात्रा के लिए पुलिस की 10 कंपनियां पहले से ही वहां तैनात की गई थीं। उन्होंने कहा, "हमने इस हिंसा की कभी उम्मीद नहीं की थी क्योंकि शांति समिति ने आश्वासन दिया था कि यात्रा शांतिपूर्ण होगी।"
अपराधियों की पहचान की गई
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने कुछ प्रमुख अपराधियों की पहचान की है और "लंबी" सूची बनाई है। उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में आप इसे देखेंगे...किसी को बख्शा नहीं जाएगा...हम अभी इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते कि कौन शामिल है और कौन नहीं।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार "कानून और व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश करने वाले पर बहुत सख्ती से कार्रवाई करेगी। एसीएस (गृह) ने कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी समूह का हो। उन्होंने कहा कि सरकार मेवात के साइबर ठगों का जिक्र कर कर हिंसा के मकसद से पल्ला नहीं झाड़ रही है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं केवल यह कह रहा हूं कि यह जांच का विषय है...इस हिंसा के पीछे कई कारण हो सकते हैं...हम निष्कर्ष नहीं निकाल रहे हैं।" प्रसाद ने कहा कि सरकार ने हाल ही में नूंह और आसपास के अपराधियों के ठिकानों से 70 बड़े अवैध अतिक्रमण भी हटाए हैं। उन्होंने कहा कि अपराध में लिप्त लोग आमतौर पर जमीनों पर कब्जा करते हैं और अवैध निर्माण में लिप्त होते हैं। उन्होंने कहा, "इसलिए हमने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की।"
अधिकारी ने कहा, "मैं आपको बता दूं कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह किसी भी समूह का हो...अगर किसी ने कुछ ऐसा किया है जो देश के हित के लिए हानिकारक है, समाज के हित के लिए हानिकारक है, तो हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।" इस बीच, राज्य सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी आपत्तिजनक वीडियो, किसी भी आपत्तिजनक लिंक को स्कैन करने के लिए गुरुवार को तीन अधिकारियों की एक समिति बनाई।