Coronavirus: ठंड में फिर लौटा कोरोना, दिल्ली में JN.1 वैरिएंट का पहला केस मिलने से हड़कंप; क्या हैं लक्षण?
दिल्ली में JN.1 का पहला मरीज मिला, जिससे दहशत का माहौल बन गया है। अधिकारी ने बताया कि कई सैंपल्स जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, जिसमें से एक जेएन.1 वैरिएंट के लिए पॉजिटिव पाया गया है।
Coronavirus New Variant JN.1: सर्दी आते ही एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले देश में बढ़ने लगे हैं। पिछले साढ़े तीन सालों से ज्यादा समय में भारत समेत दुनियाभर में कोरोना ने जमकर कहर बरपाया है। इसी वजह से नए मामलों में वृद्धि होने की वजह से लोग अब अलर्ट मोड पर हैं। इस बार कोरोना के मामलों के बढ़ने के पीछे एक नया वैरिएंट भी है, जो JN.1 के नाम से पहचाना जा रहा है। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को JN.1 का पहला मरीज मिला, जिससे दहशत का माहौल बन गया है। अधिकारी ने बताया कि कई सैंपल्स जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, जिसमें से एक जेएन.1 वैरिएंट के लिए पॉजिटिव पाया गया है। भारत में कोरोना के एक दिन में 529 नए मामले मिले हैं, जिसके बाद देश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4093 पहुंच गई है।
नए वैरिएंट JN.1 के क्या हैं लक्षण?
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के आमतौर पर पांच लक्षण सामने आए हैं। ये -गले में दर्द, सिर दर्द, लूज मोशन, कफ और कोल्ड। मुंबई स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में बाल चिकित्सा और संक्रामक रोग सलाहकार, डॉ. तनु सिंघल कहती हैं, "हाल ही में कोविड-19 मामलों में वृद्धि हुई है, जिससे पता चलता है कि एक नया वैरिएंट सामने आया है। यह जेएन.1 है, जो एक अत्यधिक प्रतिरक्षा प्रतिरोधी वैरिएंट है। अब तक, अधिकांश मामले बहुत हल्के रहे हैं। लक्षण बुखार , खांसी, नाक बहना, गले में खराश, शरीर में दर्द और थकान है। ये लक्षण फ्लू जैसी अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से अलग नहीं हैं। यदि रोगी में ये लक्षण हैं और वे हल्के हैं तो केवल देखभाल ही पर्याप्त है।''
नए वैरिएंट पर एम्स के पूर्व डायरेक्टर ने क्या कहा?
वहीं, एम्स के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि नया कोरोनोवायरस सब वैरिएंट जेएन.1, अधिक संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है, लेकिन गंभीर संक्रमण का कारण नहीं बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नया कोविड वैरिएंट अधिक प्रभावी होता जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह अधिक संक्रमणीय है, यह अधिक तेजी से फैल रहा है, यह धीरे-धीरे अमेरिका, यूरोप में एक प्रमुख संस्करण बनता जा रहा है और हम भारत में भी इसके अधिक मामले देख रहे हैं।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि डेटा से पता चलता है कि नया वैरिएंट गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है। स्वस्थ रहने और नए वैरिएंट से बचने के तरीकों के बारे में बात करते हुए, डॉ. गुलेरिया ने लोगों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से अपने हाथ धोएं। टिश्यू में खांसें ताकि दूसरों में संक्रमण फैलने से बच सकें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, खासकर अगर आपको बुखार, खांसी और सर्दी है।"