5 साल बाद कांग्रेस का पूर्ण अधिवेशन, समितियों का गठन हुआ; 6 मुद्दों पर होगा मंथन
कांग्रेस ने 24 फरवरी को होने वाले पार्टी के पूर्ण अधिवेशन के लिए विषय संबंधी समिति और संविधान संशोधन समिति का गठन किया। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में यह पहला अधिवेशन है।
कांग्रेस ने इस महीने के आखिर में होने वाले पार्टी के पूर्ण अधिवेशन के लिए शुक्रवार को विषय संबंधी समिति और संविधान संशोधन समिति का गठन किया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस पहली बार पूर्ण अधिवेशन करने जा रही है। पिछला अधिवेशन साल 2018 में हुआ था। इस बार 6 महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया जाना है। विषय संबंधी समिति अधिवेशन के कार्यक्रम और पारित होने वाले प्रस्ताव तैयार करेगी। संविधान संशोधन समिति पार्टी के संविधान में संशोधन के संदर्भ में सुझाव देगी।
पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, विषय संबंधी समिति में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी शामिल हैं। कांग्रेस कार्य समिति के स्थान पर काम कर रही संचालन समिति के सभी सदस्य इस आयोजन समिति में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तथा कांग्रेस के अग्रिम संगठनों के प्रमुख भी विषय संबंधी समिति का हिस्सा होंगे।
संविधान संशोधन समिति की अध्यक्षता पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी करेंगी और रणदीप सुरजेवाला इसके संयोजक होंगे। पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अजय माकन, मुकुल वासनिक, जितेंद्र सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, मोहन प्रकाश, दीपा दासमुंशी और जी परमेश्वर भी इस समिति में शामिल हैं।
पार्टी का 85वां पूर्ण अधिवेशन रायपुर में 24 से 26 फरवरी के बीच होगा, जिसमें राजनीति और अर्थव्यवस्था समेत छह विषयों पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पार्टी का पूर्ण अधिवेशन होगा। इसमें उनके निर्वाचन पर औपचारिक रूप से मुहर लगेगी तथा नई कार्य समिति के गठन की शुरुआत होगी। गौरतलब है कि कांग्रेस का पिछला पूर्ण अधिवेशन 2018 में दिल्ली में हुआ था।