कर्नाटक में कांग्रेस को मिलीं खुशी की 3 वजहें, 21 लोकसभा सीटों पर रही आगे; सिर्फ 4 पर भाजपा
विधानसभा चुनाव में उसे मिली जीत को लोकसभा सीटों के हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस प्रदेश की 21 सीटों पर आगे रही है। इसके अलावा भाजपा को सिर्फ 4 सीटों पर ही बढ़त मिल पाई है। इससे कांग्रेस खुश है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 136 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। 4 महीने के अंदर हिमाचल प्रदेश के बाद कांग्रेस ने दूसरे राज्य में यह जीत दर्ज की है। लेकिन कई मायनों में कर्नाटक की जीत उसके लिए संजीवनी की तरह मानी जा रही है। एक तरफ उसे कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में जीत मिली है तो वहीं इससे उसे राज्यसभा सीटों में भी फायदा होगा। इसके अलावा 2024 के लोकसभा चुनाव में भी वह कर्नाटक से उम्मीद लगाए हुए है। कांग्रेस को एक आंकड़ा और है, जो उत्साहित कर रहा है। विधानसभा चुनाव में उसे मिली जीत को लोकसभा सीटों के हिसाब से देखा जाए तो वह प्रदेश की 21 सीटों पर आगे रही है।
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राज्य में कुल 28 सीटें हैं, जिनमें तीन चौथाई पर कांग्रेस आगे रही है। इसके अलावा भाजपा को सिर्फ 4 लोकसभा सीटों पर बढ़ रही है। इसके अलावा दो पर दोनों बराबर रही हैं और सिर्फ एक सीट पर जेडीएस ने बढ़त बनाई है। राज्य में किंगमेकर रही जेडीएस के लिए भी यह आंकड़ा चिंताजनक है। उसे सिर्फ हासन लोकसभा सीट पर ही बढ़त दिखी है। वोटों के प्रतिशत के लिहाज से भी देखें तो कांग्रेस को खासा फायदा हुआ है। कांग्रेस को 2018 में 38 फीसदी वोट ही मिले थे, लेकिन इस बार 42.8 फीसदी आंकड़ा उसने हासिल किया है। कांग्रेस की कोशिश होगी कि वह जीत के इस अभियान को लोकसभा चुनाव तक लेकर जाए।
क्यों कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा 2024 में सफलता दोहराना
हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ऐसा दोहरा पाना संभव नहीं होगा। लोकसभा चुनाव में लोग आमतौर पर विधानसभा इलेक्शन से अलग पैटर्न पर वोट करते रहे हैं। इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में चेहरा पीएम नरेंद्र मोदी होंगे और कर्नाटक में भाजपा का नेतृत्व स्टेट लीडरशिप के पास ही होता। ऐसे में चेहरे का फर्क और उसके अलावा मुद्दों का अंतर भी दोनों चुनावों के वोटिंग पैटर्न पर असर डालने वाला है। इससे पहले 2018, 2013 में भी ऐसा ही हो चुका है। यही नहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस ने 2018 में सरकार बना ली थी, लेकिन 2019 के आम चुनाव में तीनों ही राज्यों में भाजपा को एकतरफा जीत मिली।
2019 में भी हुआ था उलटफेर, भाजपा को मिले थे 54 फीसदी वोट
कर्नाटक में तो कांग्रेस को 2019 के आम चुनाव में एक ही सीट मिली थी। उसे बेंगलुरु ग्रामीण से ही जीत मिल पाई थी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में 36 फीसदी वोट पाकर भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में वह सूबे की 28 में से 25 सीटों पर जीत गई थी। तब उसे विधानसभा के मुकाबले एक तिहाई वोट ज्यादा मिला था और 54 फीसदी मतों के साथ कांग्रेस एवं जेडीएस का सफाया कर दिया था।