Hindi Newsदेश न्यूज़Citizenship bill 2019 necessitated because of Partition says Amit Shah

Citizenship Bill 2019: अमित शाह बोले- नागरिकता बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ती, अगर देश का बंटवारा नहीं होता

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि यदि देश का बंटवारा नहीं होता तो नागरिकता संशोधन विधेयक नहीं लाना पड़ता। शाह ने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ...

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, Wed, 11 Dec 2019 07:23 PM
share Share

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि यदि देश का बंटवारा नहीं होता तो नागरिकता संशोधन विधेयक नहीं लाना पड़ता। शाह ने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था, ये सबसे बड़ी भूल थी। इस भूल के कारण ही ये बिल आज लेकर आना पड़ा है।

अमित शाह ने कहा कि कई बार इस देश ने नागरिकता दी है, जब श्रीलंका के लोगों को नागरिकता दी तो उस समय बांग्लादेशियों को क्यों नहीं दी? जब युगांड़ा से लोग आएं तो उनको नागरिकता दी और बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोगों को क्यों नहीं दी? शाह ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि मैं पहली बार नागरिकता के अंदर संशोधन लेकर नहीं आया हूं, कई बार हुआ है। 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि आज मोदीजी जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी। विपक्ष के कारण ही शरणार्थी खुद ये घोषित नहीं हो पाए कि वो शरणार्थी हैं।

गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं।

 

अगला लेखऐप पर पढ़ें