SC के रिटायर्ड जज की जांच कर सकते हैं क्या? हाई कोर्ट के जज ने CBI से क्यों पूछा, जानें- क्या है विवाद
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी माणिक भट्टाचार्य नदिया जिले के पलाशीपारा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं। फिलहाल वह जेल में बंद हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने बुधवार को भरी अदालत में पूछा कि क्या सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के किसी भी रिटायर जज के खिलाफ जांच कर सकती है। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि ऐसा लगता है कि SC के पूर्व जज की बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी और तृणमूल कांग्रेस के नेता माणिक भट्टाचार्य से संबंध हैं। भट्टाचार्य फिलहाल जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के जिस पूर्व जज के खिलाफ जांच की बात हाई कोर्ट के जज कर रहे हैं, वह इसी साल सेवानिवृत हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए उनकी पीठ ने तब जस्टिस गंगोपाध्याय के उस आदेश पर रोक लगा दिया था, जिसमें कलकत्ता हाई कोर्ट के जज ने माणिक सरकार के खिलाफ सीबीआई और ईडी से जांच कराने का आदेश दिया था। माणिक सरकार बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं।
CBI के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के हेड अश्विन शेन्वी से जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, "मामले के दोषी बेजा फायदा उठा रहे हैं। मैं आपसे इस मामले का उल्लेख सीजेआई के समक्ष करने का अनुरोध करता हूं।"
बता दें कि माणिक भट्टाचार्य एक लॉ कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसिपल और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं। वह टीएमसी के विधायक भी हैं। शिक्षक भर्ती घोटाला में नाम आने के बाद पिछले साल जून महीने में कलकत्ता हाई कोर्ट ने उन्हें राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पूछताछ के लिए उन्हें समन भेजा था लेकिन वो एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब भट्टाचार्य को अगले आदेश तक सीबीआई की गिरफ्तारी से छूट दी थी।