फेरबदलः नए रक्षा मंत्री के लिए माथापच्ची जारी; गोयल और प्रभु के नामों की चर्चा
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारियां चल रही है। शनिवार की शाम को मंत्रिमंडल फेरबदल होने की संभावना है। नए रक्षा मंत्री पर सबकी निगाहें टिकी हैं। नए रक्षा मंत्री की दौड़ में ऊर्जा मंत्री पीयूष...
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारियां चल रही है। शनिवार की शाम को मंत्रिमंडल फेरबदल होने की संभावना है। नए रक्षा मंत्री पर सबकी निगाहें टिकी हैं। नए रक्षा मंत्री की दौड़ में ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल एवं रेल मंत्री सुरेश प्रभु बताए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार देख रहे वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को ही कह दिया था कि वे ज्यादा दिनों तक रक्षा मंत्री का कार्य नहीं देखेंगे। तभी ये साफ हो गया था कि नए रक्षा मंत्री की नियुक्ति होने वाली है।
सूत्रों के अनुसार नए रक्षा मंत्री को लेकर शीर्ष स्तर पर अभी भी माथापच्ची चल रही है। पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु के नामों की चर्चा के बावजूद इस पद के लिए भारी भरकम उम्मीदवार की तलाश अभी पूरी नहीं हुई है। दरअसल, रक्षा सौदों के आलोक में रक्षा मंत्री का पद बेहद संवेदनशील है इसलिए पहले इसकी जिम्मेदारी अरूण जेटली को दी गई थी। लेकिन जेटली के लिए वित्त और रक्षा दोनों महकमों को संभालना मुश्किल हो रहा था। इसलिए पीएम ने गोआ के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर को दिल्ली लाकर रक्षा मंत्री बनाया।
फेरबदलः बन सकते हैं डेढ़ दर्जन नए मंत्री, सहयोगियों को भी मिलेगी जगह
तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके और साफ छवि वाले पार्रिकर को रक्षा मंत्री बनाए जाने के फैसले की खासी सराहना हुई थी। पार्रिकर को यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री ए. के. एंटोनी का जवाब माना गया। यूपीए सरकार में रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के बावजूद कोई एंटोनी पर अंगुली नहीं उठा पाया था। लेकिन पार्रिकर को राजनीतिक कारणों से फिर गोआ भेजना पड़ा और जिम्मेदारी फिर से जेटली को दी गई।
सूत्रों का कहना है कि जेटली से रक्षा मंत्रालय लेने के बाद पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु का नाम सबसे पहले है। क्योंकि दोनों पीएम के भरोसे के मंत्री हैं। गोयल के अच्छे कामकाज को देखते हुए काफी दिनों से इस बात की चर्चा थी कि उन्हें प्रोन्नति दी जाएगी। प्रभु ने रेल हादसे पर इस्तीफे की पेशकस करके नैतिकता की मिसाल पेश की है इसलिए प्रधानमंत्री की नजरों में उनकी इज्जत बढ़ी है। इसलिए देखना यह है कि प्रधानमंत्री जेटली और पार्रिकर के विकल्प के तौर पर किसे रक्षा मंत्री चुनते