बृजभूषण शरण सिंह का इसलिए टिकट लटका रही भाजपा, क्यों पत्नी केतकी सिंह को लड़ाने पर जोर
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर फैसला उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की वजह से भी टल रहा है। इस महीने के अंत तक इस मामले में फैसला आएगा और तभी टिकट पर भी निर्णय होगा।
उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, लेकिन रायबरेली और कैसरगंज जैसी चर्चित सीटें अब भी बाकी हैं। कैसरगंज पर तो सभी की निगाह है क्योंकि यहां से बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह भाजपा के सांसद हैं। उनका टिकट अब तक फाइनल नहीं हुआ है और पार्टी ने यह भी संकेत नहीं दिए हैं कि दि बृजभूषण चुनाव में नहीं उतरे तो उनकी जगह पर कौन होगा। इस बीच पार्टी सूत्रों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर फैसला उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की वजह से भी टल रहा है।
यह मामला कोर्ट में चल रहा है और दिल्ली की अदालत इसी महीने के अंत तक फैसला सुना सकती है। ऐसे में भाजपा हाईकमान चाहता है कि अदालत के फैसले को देखने के बाद भी टिकट तय किया जाए। कहा जा रहा है कि यदि फैसला बृजभूषण शरण सिंह के फेवर में रहा, तब तो उन्हें टिकट मिल सकता है। अन्यथा उनके ही परिवार के किसी मेंबर को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। सबसे ज्यादा चर्चा उनकी पत्नी केतकी सिंह के नाम की चल रही है। केतकी सिंह पहले भी 1996 से 1998 तक सांसद रह चुकी हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि बृजभूषण परिवार में भी किसी को अपनी जगह टिकट नहीं देना चाहते और खुद लड़ना चाहते हैं।
इसलिए भाजपा के लिए कैसरगंज सीट पर फैसला करना थोड़ा मुश्किल होगा। भाजपा हाईकमान बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपों वाले मुकदमे का हवाला देते हुए कहा रहा है कि आप इस पर फैसले का इंतजार करिए। यदि आपके पक्ष में फैसला आया तो चुनाव लड़ें, वरना परिवार के किसी सदस्य को मौका दें। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि केतकी सिंह को उतारने से महिला कार्ड भी मजबूत होगा। पीएम नरेंद्र मोदी खुद महिलाओं को लगातार प्रमोट करने की बात कर रहे हैं।
दरअसल बीते सप्ताह दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला आने वाला था। लेकिन बृजभूषण ने अपील दायर की थी कि अभी इस मामले में और जांच की जाए। उनकी अर्जी पर सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और इसी महीने के अंत तक निर्णय सुना सकती है। बृजभूषण ने अपनी अर्जी में यह भी दलील दी थी कि जिस दिन एक महिला पहलवान ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, उस दिन वह देश से ही बाहर थे।